मैं कोई इस्तीफा नहीं दे रहा, मैं योद्धा हूं, सरकार 5 साल चलेगी : सुखविंदर सिंह सुक्खू

punjabkesari.in Wednesday, Feb 28, 2024 - 02:01 PM (IST)

नेशनल डेस्क: हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा के नतीजों के बाद छिड़ा राजनीतिक विवाद अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस के छह विधायक बागी हो गए हैं। वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस हाईकमान ने कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार और हरियाणा के पूर्व सीएम बीएस हुड्डा को पर्यवेक्षक बनाकर हिमाचल भेजा है। इसी बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सामने आकर अपने इस्तीफे से जुड़ी अफवाहों पर विराम लगा दिया है। उन्होंने कहा है कि मैंने इस्तीफा नहीं दिया है। मैं योद्धा हूं और हमारी सरकार पांच साल तक चलेगी।  

भाजपा फैला रही इस्तीफे की अफवाह
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने संवाददाताओं से कहा, "मैं घबराने वाला व्यक्ति नहीं हूं। मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि बजट के लिए जो वोटिंग होगी उसमें हमारी जीत होगी। इस्तीफे की अफवाह भाजपा फैला रही है। वे सोच रहे होंगे कि इससे कांग्रेस में भगदड़ मच जाएगी लेकिन कांग्रेस पार्टी एकजुट है, जो छोटी-मोटी शिकायतें हैं वह भी दूर हो जाएंगी। राज्य विधानसभा की 68 सीटों में से कांग्रेस के पास 40 और भाजपा के पास 25 सीटें हैं। बाकी तीन सीट पर निर्दलीयों का कब्जा है। 


मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दिया इस्तीफा 
हिमाचल प्रदेश सरकार पर मंडरा रहे संकट के बादलों के बीच लोक निर्माण विभाग के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सुखविंदर सिंह सुक्खू मंत्रिमंडल से बुधवार को अपने इस्तीफे की घोषणा की। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ''मैं अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री और राज्यपाल को सौंप रहा हूं।'' उन्होंने कहा, ''मुझे अपमानित और कमजोर करने की कोशिश की गई लेकिन आपत्तियों के बावजूद मैंने सरकार का समर्थन किया।'' हिमाचल प्रदेश की एकमात्र राज्यसभा सीट भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हाथों गंवाने के बाद मंगलवार से ही कांग्रेस सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। राज्यसभा सीट पर हुए मतदान में कांग्रेस के छह विधायकों द्वारा 'क्रॉस वोटिंग' किये जाने के बाद भाजपा ने सीट पर जीत हासिल की थी।
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सलाह करने के बाद तय करूंगा रणनीति
विक्रमादित्य सिंह ने कहा, ''कांग्रेस पार्टी ने लोगों से वादे किए थे और उन वादों को पूरा करने की जिम्मेदारी हमारी है और मैं अपने समर्थकों से सलाह करने के बाद अपनी आगे की रणनीति तय करूंगा।'' उन्होंने कहा कि राज्य में 2022 का विधानसभा चुनाव पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के नाम पर लड़ा गया था। वीरभद्र सिंह, विक्रमादित्य के पिता हैं। उन्होंने कहा, ''ऐसा कोई पोस्टर, होर्डिंग या बैनर नहीं था, जिसमें उनकी (वीरभद्र सिंह की) तस्वीर न हो। मतदान से एक दिन पहले अखबारों में उनकी तस्वीर के साथ पूरे पन्ने का विज्ञापन था। लेकिन जीत के बाद जब उनकी प्रतिमा स्थापित करने की बात आई तो सरकार स्थान तय करने में विफल रही।''


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Content Editor

rajesh kumar

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