‘आई लव मोहम्मद’ विवाद पर हैदराबाद के शाही मस्जिद इमाम का बयान

punjabkesari.in Friday, Sep 26, 2025 - 11:46 PM (IST)

नेशनल डेस्क: हैदराबाद की शाही मस्जिद के इमाम और खतीब मौलाना डॉ. अहसान बिन मोहम्मद अल्हामूमी ने ‘आई लव मोहम्मद’ नारे पर दर्ज हुई एफआईआरों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इस नारे के चलते 1300 युवाओं पर केस दर्ज करना उनके ईमान की गवाही है और यह कार्रवाई निंदनीय है।

हमारे दिल और दिमाग पर लिखा है ‘आई लव मोहम्मद’

मौलाना अल्हामूमी ने कहा कि मुसलमानों के लिए ‘आई लव मोहम्मद’ केवल एक नारा नहीं, बल्कि उनके ईमान का हिस्सा है। उन्होंने उन 1300 युवाओं को बधाई देते हुए कहा कि उनका ईमान अब एफआईआर की कॉपी तक में दर्ज हो चुका है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अगर पुलिस को केस दर्ज करना ही है तो केवल इन युवाओं पर नहीं, बल्कि देश के 20 करोड़ मुसलमानों पर भी करे।

“सिर्फ मुसलमानों का नहीं, पूरी इंसानियत का नारा”

इमाम ने कहा कि ‘आई लव मोहम्मद’ के बिना मुसलमान जी नहीं सकते, क्योंकि यह उनकी सांसों से जुड़ा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह नारा केवल मुसलमानों का नहीं, बल्कि पूरी इंसानियत की जरूरत है। पैगंबर मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की शिक्षाओं ने समाज से अपराध, हत्या, व्यभिचार और अन्य बुराइयों को मिटाने का मार्ग दिखाया।

“हर इंसान जो इंसानियत चाहता है, वही कहेगा ‘आई लव मोहम्मद’”

मौलाना ने कहा कि जो भी व्यक्ति औरत की इज्जत, इंसानियत, शांति और सद्भाव को महत्व देता है, वह निश्चित रूप से यह नारा लगाएगा। पैगंबर की शिक्षाएं आज भी समाज के लिए प्रेरणा हैं।

ट्रेंड को मिला गैर-मुस्लिमों का भी समर्थन

मौलाना ने बताया कि सोशल मीडिया पर ‘आई लव मोहम्मद’ ट्रेंड को लाखों गैर-मुस्लिमों का भी समर्थन मिला। कई लोग बैनर लेकर इस मुहिम का हिस्सा बने। उन्होंने सभी समर्थकों को सलाम पेश करते हुए कहा कि यह नारा इंसानियत का प्रतीक है, जो समाज को एकजुट करता है।


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News Editor

Parveen Kumar

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