कोरोना से हुई पत्नी की मौत को बर्दाश्त नहीं कर पाया पति, बेटों के साथ मिलकर बनवाया ‘पत्नी का मंदिर’
punjabkesari.in Monday, Sep 27, 2021 - 01:07 PM (IST)
मध्य प्रदेश- एक शाहजहां था जिसने अपनी बेगम मुमताज की याद में ताजमहल बनवाया था वहीं इसी तरह मध्य प्रदेश के एक शख्स ने अपनी पत्नी के मरनोपरांत ‘पत्नी का मंदिर’ बनवा दिया। घर के ठीक बाहर बनाए इस मंदिर में दिवंगत पत्नी की तीन फीट ऊंचाई वाली बैठी हुई प्रतिमा स्थापित की गई है। प्रतिदिन बेटे अपनी मां को यहीं पर दर्शन करते हैं।
मध्य प्रदेश के ग्राम सांपखेड़ा निवासी बंजारा समाज के नारायणसिंह राठौड़ अपनी पत्नी और बेटों के साथ परिवार सहित रह रहे थे। परिवार में सभी कुछ सामान्य चल रहा था लेकिन नरायणसिंह की पत्नी गीताबाई धार्मिक कार्यक्रमों में ज्यादा सम्मिलित रहती थी। ऐसे में परिवार के बेटे अपनी मां को देवी तुल्य ही समझते थे लेकिन कोरोना संक्रमण काल की दूसरी लहर के दौरान गीताबाई की मौत हो गई।
हमेशा मां के साए में रह रहे बेटे मां की कमी को सहन नहीं कर पा रहे थे, ऐसे में पिता नारायणसिंह के साथ विचार-विमर्श के बाद पिता और बेटों ने मिलकर गीताबाई की प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया।
मां के चले जाने से पूरा परिवार टूट गया था
गीताबाई के बेटे लक्की ने बताया कि मां के चले जाने से पूरा परिवार टूट गया था, ऐसे में सभी ने तय करके मां की प्रतिमा बनवाने का निर्णय लिया, इसके चलते मां के निधन के बाद तीसरे के कार्यक्रम वाले दिन ही 29 अप्रैल को उनकी प्रतिमा बनवाने का ऑर्डर दे दिया। जिला मुख्यालय पर स्थित प्रतिमा का विक्रय करने वाले से मिलकर अलवर राजस्थान के कलाकारों को प्रतिमा बनवाने का ऑर्डर दे दिया. करीब डेढ़ माह बाद प्रतिमा बनकर तैयार हुई जिसे घर पर ले आए।
लक्की ने बताया कि मां की प्रतिमा को बनवाने के बाद जब प्रतिमा घर पर आई तो एक दिन प्रतिमा को घर में रखा, इसी दौरान घर के ठीक बाहर मुख्य दरवाजे के समीप प्रतिमा की स्थापना के लिए चबूतरा बनवाया गया।
अब मां बोलती नहीं, लेकिन वो हर समय परिवार के साथ मौजूद रहती है
लक्की ने बताया कि अब प्रतिदिन वो सुबह उठते ही अपनी मां को देख लेते है। लक्की का कहना है कि अब मां सिर्फ बोलती नहीं है, लेकिन वो हर समय मेरे और पूरे परिवार के साथ मौजूद रहती है।