सरकार के पांच अगस्त, 2019 के फैसले ने जम्मू-कश्मीर ''विवाद'' को और जटिल बना दिया: हुर्रियत

punjabkesari.in Thursday, Aug 05, 2021 - 11:17 PM (IST)

श्रीनगर : जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने की दूसरी वर्षगांठ पर बृहस्पतिवार को हुर्रियत कान्फ्रेंस ने कहा कि सरकार के एकतरफा और मनमाने फैसले ने तत्कालीन प्रदेश में विवाद को और जटिल बना दिया। अलगाववादी समूह ने एक बयान में कहा, " इस अवसर पर, भारत के लोगों का और वृहद स्तर पर दुनिया के लोगों का हम ध्यान आकर्षित करना चाहेंगे कि मौजूदा भारत सरकार के पांच अगस्त, 2019 के फैसले ने जम्मू-कश्मीर राज्य में विवाद को और भी जटिल बनाने का काम किया है।"

 

समूह ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध की तरफ इशारा करते हुए कहा, "तथ्यों की व्याख्या से यह पता चलता है कि नियंत्रण रेखा पर भले ही कुछ शांति आई लेकिन इसकी वजह से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव बढ़े।" समूह ने अनुच्छेद 370 और 35 (क) संबंधित फ़ैसलों को 'एकतरफा और मनमाना करार' देते हुए इसका कड़ा विरोध जताया। हुर्रियत ने कहा कि नयी दिल्ली का अगस्त 2019 से पहले तर्क था, "राज्य में सिर्फ कश्मीर में ही दिक़्क़तें थीं लेकिन अब उसके सामने लेह, करगिल और जम्मू में भी दिक़्क़तें हैं क्योंकि इन क्षेत्रों में भी लोग असंतुष्ट हैं।"

 

हुर्रियत ने आरोप लगाया कि सरकार का राजनीतिक कैदियों को बंद करना और युवाओं को गिरफ्तारी से च्डरा कर स्थानीय लोगों पर हमले करना और मनमाने तथा जनविरोधी क़ानूनों का लाना जारी है।

 

समूह ने कहा, "आगे बढऩे के लिए हुर्रियत का इस बात में यक़ीन है कि भारत सरकार को कश्मीर विवाद को सुलझाने की जरूरत को स्वीकार करना चाहिए और उन लोगों के साथ बातचीत करनी चाहिए जो कश्मीर के लोगों की राजनीतिक इच्छाओं और उम्मीदों का वास्तव में प्रतिनिधित्व करते हैं। वहीं इसकी उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं से लगते क्षेत्रों में भूराजनीतिक दबाव को भी कम करना चाहिए।"

 

हुर्रियत ने पाकिस्तान के साथ बातचीत बहाल करने की अपील की। हुर्रियत ने कहा कि उसकी लंबे समय से यह नीति रही है जमीन पर स्थिति को देखने वाले सभी पक्षों के बीच सार्थक बातचीत हो और यह समूह सशस्त्र संघर्ष के बजाय बाचीत को तवज्जो देता है। समूह ने कहा, "राज्य में संघर्ष ख़त्म करने और इसे सुलझाने का यह समय है ताकि सिर्फ कश्मीर ही नहीं बल्कि पूरा दक्षिण एशिया अपने सामूहिक क्षमता के साथ आगे बढऩे की राह देख सके।"


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Content Writer

Monika Jamwal

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