‘ताउते‘, चक्रवात की गुजरात तट से टकराने की प्रक्रिया शुरू, 2 लाख से अधिक का स्थानांतरण
punjabkesari.in Monday, May 17, 2021 - 09:31 PM (IST)

अहमदाबादः अरब सागर में उठे अत्यंत तीव्र (एक्स्ट्रीम्ली सिवीयर) श्रेणी के तूफ़ान‘ताउ ते'पूर्वनुमान के अनुरूप आज रात लगभग साढ़े आठ बजे गुजरात तट से टकराने की प्रक्रिया शुरू हो गई और इसके क़रीब तीन घंटे में पूरा होने का अनुमान है।
The ESCS TAUKTAE lies close to Gujarat coast. The landfall process started and will continue during next 02 hours.
— India Meteorological Department (@Indiametdept) May 17, 2021
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने बताया कि तूफ़ान राज्य के गिर सोमनाथ जिले के उना और केंद्र शासित क्षेत्र दीव के बीच तट से टकरा रहा है। इसके असर से तेज़ हवायें चल रही हैं और कई जगह पर पेड़ गिरने और बिजली की आपूर्ति बाधित हुई है। ख़ासी दूरी तक गोलाई में फैले इस तूफ़ान के केंद्र के समुद्र से पूरी तरह पूरी तरह ज़मीन पर आने में घंटे दो घंटे का समय लगेगा। हालांकि राहत की बात यह है इसके असर से अब तक तटवर्ती क्षेत्र में किसी भी कोविड अस्पताल में बिजली की आपूर्ति पर असर नहीं पड़ा है।
चार जिलों के सर्वाधिक प्रभावित होने का अनुमान
रूपाणी ने कहा कि वह देर रात तक राज्य नियंत्रण कक्ष में बने रह कर स्थिति पर नज़र रखेंगे। उन्होंने कहा कि तूफ़ान के असर का और अधिक चित्र रात एक बजे तक स्पष्ट हो पाएगा। चार जिलों अमरेली, जूनागढ़, गिर सोमनाथ और भावनगर के सर्वाधिक प्रभावित होने का अनुमान है। पहले इसके 18 मई की सुबह तट तक पहुंचने का अनुमान था। इस तूफ़ान के असर से पहले ही केरल, कर्नाटक, गोवा और महाराष्ट्र में ख़ासी तबाही मची है।
भावनगर, बोटाद, वलसाड, नवसारी, गिर सोमनाथ में हो सकती है भारी बारिश
मौसम विभाग की बुलेटिन के अनुसार रात साढ़े आठ बजे जब इसके गुजरात तट से टकराने की प्रक्रिया शुरू हुई तब इसका केंद्र दीव तट से क़रीब 35 किमी पूर्व दक्षिण-पूर्व में स्थित था। इस दौरान हवाओं की रफ़्तार 160 से लेकर 190 किमी प्रति घंटा तक है। इसके साथ तटीय गुजरात में भावनगर, बोटाद, वलसाड, नवसारी, गिर सोमनाथ, अमरेली, जूनागढ़ आदि में भारी से अति भारी और कहीं कहीं अत्यंत भारी वर्षा हो सकती है। इसके अलावा अहमदाबाद, वडोदरा, भरूच, वलसाड आदि में भारी से अति भारी वर्षा भी हो सकती है। तटवर्ती इलाक़ों में तेज़ हवाओं के साथ अब भी बारिश हो रही है जिसके और तेज़ होने की सम्भावना है।
तूफ़ान के मद्देनज़र कोरोना टीकाकरण का काम दो दिन पूरी तरह बंद रखने का फ़ैसला
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी स्थिति पर सतत नज़र बनाए हुए हैं। तूफ़ान के मद्देनज़र राज्य में कोरोना टीकाकरण का काम आज और कल पूरी तरह बंद रखने का फ़ैसला किया गया है। राज्य ने आपदा नियंत्रण सम्बंधी कार्यों की निगरानी कर रहे राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पंकज कुमार ने बताया कि राहत कार्य के लिए कुल मिलाकर एनडीआरएफ की 44, एसडीआरएफ की 10 टीमें तैनात की गई हैं। 17 जिलों के 840 गावों से दो लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों यानी तैयार किए गए दो हज़ार से अधिक आश्रय स्थलों पर स्थानांतरित किया जा चुका है। इनमे से सवा लाख पांच जिलों भावनगर, पोरबंदर, गिर सोमनाथ, अमरेली और जूनागढ़ के हैं। इस दौरान कोरोना सम्बंधी सभी मानकों का पालन किया गया।
ऑक्सिजन की निर्बाध आपूर्ति जारी रखने के लिए सड़कों पर ग्रीन कॉरिडर तैयार
तूफ़ान के सम्भावित असर वाले जिलों में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। सम्भावित इलाक़ों में बिजली आपूर्ति पर असर की आशंका के मद्देनज़र ज़रूरी पावर बैक अप की व्यवस्था की गई है। बिजली विभाग की 661 टीमें भी तैयार रखी गयी हैं। स्वास्थ्य विभाग की 744 टीमें और राजस्व अधिकारियों की 319 टीमें भी तैनात की गयी हैं। 161 आईसीयू एम्बुलेंस और मरीज़ों को निशुल्क अस्पताल तक पहुंचाने वाली 108 नम्बर की 607 एम्बुलेंस भी तैनात कर दी गयी हैं। ऑक्सिजन की निर्बाध आपूर्ति जारी रखने के लिए सड़कों पर ग्रीन कॉरिडर तैयार किए गए हैं।
समुद्र में उथल पुथल के चलते मछुआरों को पांच दिनों तक इसमें जाने की अनुमति नहीं दी गई है। 19811 मछुआरा नौकाओं को वापस बुलाया गया है, समुद्र में अब एक भी नौका नहीं है। गुजरात के वेरावल, पीपवाव, जाफ़राबाद आदि बंदरगाहों पर भी अति गम्भीर श्रेणी नम्बर का 10 नम्बर का चेतावनी सिग्नल लगा दिया गया है। पोरबंदर, सिक्का, नवलखी, बेडी, न्यू कांडला, मांडवी और जखौ बंदरगाहों पर आठ नम्बर का सिग्नल है।
मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह
मौसम केंद्र की ओर से जारी बुलेटिन में कहा गया है कि तूफान, भारी वर्षा और तेज़ हवाओं के कारण तटीय इलाक़ों में कच्चे, पक्के मकानों, सड़कों, बिजली के खम्बों, पेड़ों और फ़सलों आदि को नुक़सान हो सकता है। इसमें ख़तरे वाले इलाक़ों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने, मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने, सड़क और रेल यातायात को भी नियंत्रित करने, तूफ़ान के दौरान लोगों से घरों में रहने की सलाह भी दी गई है। एहतियाती तौर पर 11 हज़ार से अधिक होडिर्ंग्स और 668 अस्थायी संरचनाओं को हटा लिया गया है।
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने बताया कि राज्य का तंत्र किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। तटीय इलाक़ों से एहतियाती तौर पर दो लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है। चौबीसों घंटे काम कर रहे एक केंद्रीय नियंत्रण कक्ष के ज़रिए पूरी स्थिति पर नज़र रखी जा रही है। अब तक तेज़ हवाओं के कारण बिजली के 234 खम्बे, 66 पेड़ गिरे हैं। ऐसी घटना में सूरत में एक व्यक्ति की मौत भी हुई है।
629 स्थानों पर बिजली की आपूर्ति बाधित हुई थी जिसमें से 474 को सुचारू कर लिया गया है। इस प्रकार की मुश्किलों से निपटने के लिए रैपिड रेस्टोरेशन रेस्पॉन्स टीमें बनायी गयी हैं। एहतियाती तौर पर अहमदाबाद और वडोदरा के हवाई अड्डों को भी बंद रखा गया है। तूफान प्रभावित क्षेत्र में ही गिर का वन है जो एशियाई शेरों का एकमात्र प्राकृतिक आवास है। वन विभाग ने शेरों और अन्य वन्य जीवों के बचाव के लिए भी उपाय किए हैं।