Diwali 2020: कोरोना में कैसे मनेगा देश का सबसे बड़ा त्योहार, प्रदूषण से खान-पान तक कई चुनौतियां!

punjabkesari.in Tuesday, Nov 10, 2020 - 04:30 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पूरी दुनिया में कोरोना का कहर अभी जारी है। ऐसे समय में देश का सबसे बड़ा त्योहार दिवाली भी मनाया जाना है। हालांकि कोविड 19 ने इससे पहले होली, दशहरा और कुछ अन्य त्योहारों का मजा किरकिरा किया है। यही कारण है कि कोविड के मद्देनजर अब लोगों के मन में दिवाली मनाने को लेकर भी कई तरह की शंकाएं पैदा हो रही हैं। केरोना के हिसाब से देखें, तो इस बार की दिवाली पिछले वर्षों की दिवालियों से बिलकुल अलग होने वाली है। चूंकि देश इस समय प्रदूषण और कोरोना जैसी महामारी के साथ-साथ कुछ अन्य चुनौतियों से भी दो-चार हो रहा है। ऐसे में देश का सबसे बड़ा त्योहार दिवाली आखिर कैसे मनेगा, इसे लेकर क्या तैयारियां हैं आइए डालते हैं एक नजर...

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पटाखों के प्रदूषण से कोरोना बढ़ने का खतरा
दुनिया इस समय कोरोना की चपेट में है। हालांकि पिछले कुछ समय से कोरोना मामलों में कमी का दावा करने वाली खबरें सामने आ रही हैं। जबकि कुछ एक्सपर्ट इसकी दूसरी और तीसरी वेव की बात कह रहे हैं। इस तरह इस दिवाली पर चलाए जाने वाले पटाखों के कारण पैदा होने वाले प्रदूषण को रोकना भी एक बड़ी चुनौती है। विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना की वैक्सीन अभी तक नहीं आई। इसलिए दिवाली पर यदि प्रदूषण बढ़ा तो यह कोरोना मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इससे कोरोना मरीजों में वृद्धि हो सकती है। खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों पर इसका बुरा असर देखने को मिल सकता है। इसके मद्देनजर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने देश के 23 राज्यों में पटाखे चलाने पर रोक की शिफारिश की है। वहीं दिल्ली, पंजाब और फिर हरियाणा सरकार ने भी पटाखे चलाने को लेकर गाइडलाइन जारी की हैं। यहां तक कि पीएम नरेंद्र मोदी ने भी राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में लोगों को त्योहारी मौसम में सतर्क रहने की अपील की थी। 


दुकानदारों की चांदी नहीं
दिवाली के मौके पर खुशियां बांटने के साथ-साथ मिठाइयां बांटने का चलन है। लेकिन कोरोना के चलते इस बार मिठाइयों का रंग भी फीका रहने वला है। बाजारों में कमोबेश पहले जैसी रौनक दिखाई नहीं दे रही। विशेषज्ञ वैसे भी इस समय पैक्ड या फिर घर की बनी चीजों को पहल देने की बात कह रहे हैं। इसलिए दुकानदारों की भी चांदी नहीं होने वाली। सरकार भी इस मामले में लोगों की कोई मदद नहीं कर पाएगी। ऐसे लोगों की आर्थिक दशा को ऊपर उठाना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है।
 

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बाजार में बिकने वाली मिलावटी मिठाइयां
कोरोना और प्रदूषण के बाद बाजार में बिकने वाली मिलावटी मिठाइयां पर रोक लगाना भी इस दिवाली पर बड़ी चुनौती है। हालांकि हर साल सरकारों की ओर से इसके खिलाफ अभियान चलाया जाता है, लेकिन इस बार यह समस्या और भी बड़ी साबित होगी। कोरोना महामारी के चलते ज्यादातर लोग पहले से ही बाहर की चीजों का उपयोग नहीं कर रहे। लेकिन जब से लॉकडाउन में बाजार खोलने की छूट दी गई है, खाने-पीने वाली चीजें लोग खरीदने लगे हैं। ऐसे में मिलावटी मिठाइयों की बिक्री को रोकना एक बड़ी चुनौती है। इसलिए लोगों को जागरूक करने के लिए कैम्पेन चलाए जा रहे हैं, ताकि मिलावटी मिठाइयों की वजह से लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव ना पड़े।

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चीनी सामान की बिक्री एक बड़ी चुनौती!
इस दिवाली पर बाजार में चीनी सामान की बिक्री को पूरी तरह से रोकना भी बड़ी चुनौती है। कोरोना महामारी के बाद हालांकि देश में चीनी सामान की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है। इसके बावजूद अभी भी धोखे से चीनी सामान बेचा जा रहा है। कुछ रिपोर्ट्स में सामने आया है कि दुकानों पर चीनी वस्तुओं को देसी पैकिंग में धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। 


घर से दूर रहने वालों की दिवाली फीकी

ट्रेनों के पहिए थमने के कारण कई लोगों की दिवाली इस बार फिकी रह सकती है। पंजाब में कृषि कानून के विरोध के चलते रेलवे ट्रेकों के जाम कर दिया गया है। ट्रेनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद होने से लोगों को घर जाने में दिक्कतें आ रही हैं। अभी सरकार की तरफ से भी कुछ साफ नहीं है कि दिवाली से पहले ट्रेनों की आवाजाही शुरू होगी या नहीं। इसका सबसे ज्यादा खामियाजा बिहार, उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों के लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

 

 


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vasudha

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