कपडे पर मिनिमम इंपोर्ट डयूटी फिक्स होने से बागोबाग हुई हौजरी इंडस्ट्री
punjabkesari.in Saturday, Feb 01, 2025 - 07:07 PM (IST)
नेशनल डेस्क : केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए बजट में कपडे पर मिनिमम इंपोर्ट डयूटी फिक्स करने का जो फैसला लिया गया है, उससे हौजरी इंडस्ट्री बागोबाग नजर आ रही है। यहां बताना उचित होगा कि इससे पहले कपडे पर मिनिमम इंपोर्ट डयूटी 10 से 20 फीसदी थी, जिसे बढाकर 20 फीसदी फिक्स कर दिया गया है। इसी तरह कपडे पर मिनिमम इंपोर्ट डयूटी के लिए 115 रूपए किलो की लिमिट भी तय कर दी गई है। जिसे लेकर इस फील्ड से जुडे लोगों का कहना है कि केंद्र सरकार की घोषणा से देश खासकर पंजाब व लुधियाना की हौजरी इंडस्ट्री को काफी बूस्ट मिलेगा।
अब से पहले तक मिनिमम इंपोर्ट डयूटी काफी कम होने कारण बाहर से अंडर बिलिंग करके जो कपडा इंडिया में आ रहा था। उसका सीधा असर पंजाब व लुधियाना की हौजरी इंडस्ट्री की प्रोडकशन पर पड़ रहा था। लेकिन अब केंद्र सरकार द्वारा लिए गए कपडे पर मिनिमम इपोर्ट डयूटी में इजाफा करने के फैसले से डोमेस्टिक हौजरी इंडस्ट्री को किक मिलेगी।
इसके साथ पंजाब व लुधियाना की हौजरी इंडस्ट्री में कपडे का उत्पादन बढने से स्टेट को जी एस टी कलेक्शन के रूप में भी फायदा होगा। (चंद्रमोहन जैन, सी मोहन इंटरनेश्नल )
केंद्र सरकार द्वारा लिए गए कपडे पर मिनिमम इंपोर्ट डयूटी फिक्स करने के फैसले से पंजाब व लुधियाना की हौजरी इंडस्ट्री को फिर से पैरों पर खडे होने में बडी मदद मिलेगी, जो हौजरी इंडस्ट्री अब तक मिनिमम इंपोर्ट डयूटी काफी कम होने की आड में बाहर से अंडर बिलिंग के रूप में आ रहे कपडे की वजह से काफी कमजोर हो गई थी। - (राहुल वर्मा, डायरेक्टर पंजाब डायर्स एसो.)
कपडे की इंपोर्ट पर मिनिमम एक्सपोर्ट डयूटी फिक्स होने से देश भर के अलावा पंजाब व लुधियाना की हौजरी के साथ धागा व डाइंग इंडस्ट्री काे फायदा होगा। क्योंकि कपडे का उत्पादन बढने से इन सब केटेगरी की इंडस्ट्री के बिजनेस में इजाफा होगा और कपडे की ट्रेड में हेल्दी कंपीटीशन होने का रास्ता भी साफ हो जाएगा। -(दर्शन गाबा, गाबा गारमेंट)
कपडे की इंपोर्ट पर मिनिमम एक्सपोर्ट डयूटी फिक्स करने संबंधी केंद्र सरकार द्वारा बजट के दौरान लिए गए फैसले से फैसले से जहां पंजाब व लुधियाना की मौजूदा हौजरी इंडस्ट्री को बडा लाभ होने जा रहा है। वहीं, इससे नए यूनिट लगाने की संभावना बढ गई है और उसके चलते सभी वरगों के लिए नए रोजगार के मौके पैदा होंगे। - (संदीप बहल, एल आर जी एम ए)