रिफाइनेंसिंग के जरिये होम लोन की बचत, रेट कटौती से होगा फायदा
punjabkesari.in Monday, Dec 09, 2024 - 03:35 PM (IST)
नेशनल डेस्क: रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने रेपो दर को 11वीं बार बिना किसी बदलाव के यथावत रखा है, जिससे सीधे तौर पर कर्जदारों को राहत नहीं मिली है। हालांकि, नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 0.5 प्रतिशत की कटौती की घोषणा ने अप्रत्यक्ष रूप से कुछ राहत प्रदान की है। इस कदम से बैंकों को करीब 1.16 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी मिलने की उम्मीद है, जिससे कर्ज देने की लागत में कमी आ सकती है। इसके परिणामस्वरूप आने वाले समय में बैंकों द्वारा कर्ज दरों में राहत दी जा सकती है, खासकर होम लोन लेने या रिफाइनेंस कराने वालों के लिए।
रिज़र्व बैंक के इस निर्णय का एक अहम असर यह हो सकता है कि होम लोन धारक अपनी मौजूदा कर्ज दरों को कम कराने के लिए अपने लोन को रिफाइनेंस करा सकते हैं, जिससे न केवल उनकी मासिक किश्तों में कमी आएगी, बल्कि लोन की कुल लागत में भी बचत हो सकती है। यदि आप अपने घर के लोन को रिफाइनेंस करने की योजना बना रहे हैं या नया घर खरीदने का सोच रहे हैं, तो अब बैंकों से ब्याज दर कम करने के लिए मोलभाव करने का सही समय हो सकता है।
रिफाइनेंसिंग के फायदे
होम लोन रिफाइनेंसिंग के कई फायदे हैं, जिनमें प्रमुख रूप से ब्याज दर में कमी और लोन की कुल लागत में बचत शामिल है। यहां पर हम आपको कुछ ऐसे उदाहरणों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनसे यह समझा जा सकता है कि रिफाइनेंस करने से आप किस तरह से बचत कर सकते हैं:
1. मौजूदा बैंक से रिफाइनेंस:
अगर आप अपने मौजूदा बैंक से ही रिफाइनेंस करते हैं, तो आपको कोई नया दस्तावेज़ जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी। आप सीधे अपने बैंक से ब्याज दर कम करने की गुजारिश कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, अगर आपके पास 9 प्रतिशत ब्याज दर पर 50 लाख रुपये का होम लोन है, तो यदि आपके बैंक ने 8.50 प्रतिशत की दर पर रिफाइनेंस किया, तो आपको कुल 54.13 लाख रुपये ब्याज के रूप में चुकाने होंगे। इसका मतलब है कि आपको 3.83 लाख रुपये की बचत होगी।
2. किसी अन्य बैंक से रिफाइनेंस:
यदि आप अपने लोन को किसी अन्य बैंक में ट्रांसफर करने का निर्णय लेते हैं, तो आपको प्रोसेसिंग और लीगल शुल्क का भुगतान करना होगा। लेकिन इस प्रक्रिया में, अगर नया बैंक 8.25 प्रतिशत की ब्याज दर पर लोन ट्रांसफर करता है, तो आपकी कुल ब्याज राशि केवल 52.24 लाख रुपये होगी, जिससे आपको 5.72 लाख रुपये की बचत होगी।
बचत के अन्य तरीके
ईएमआई बढ़ाकर बचत करें:
अगर आप अपनी मासिक ईएमआई 44,986 रुपये की बजाय 50,000 रुपये तक बढ़ा देते हैं, तो कर्ज की अवधि 240 महीने से घटकर केवल 186 महीने रह जाएगी, जिससे आपको ब्याज में बड़ी बचत होगी।
एक अतिरिक्त ईएमआई भरें:
आप साल में एक अतिरिक्त ईएमआई भरकर अपनी कर्ज अवधि को और कम कर सकते हैं। इससे कर्ज की अवधि घटकर 195 महीने हो जाएगी, और ब्याज के तौर पर बचत होगी।
कुल बचे कर्ज का 5 प्रतिशत भुगतान करें:
आप हर साल अपने कर्ज का 5 प्रतिशत हिस्सा एक बार में चुका सकते हैं। इससे आपका बकाया कर्ज जल्दी खत्म हो जाएगा और कर्ज अवधि केवल 133 महीने रह जाएगी।
बैंकों से मोलभाव का अच्छा समय
हालांकि, RBI ने रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया है, लेकिन यह कदम उन कर्जदारों के लिए राहतकारी हो सकता है जिनकी आर्थिक स्थिति थोड़ी मुश्किल में है। बैंकों ने इस समय कर्ज दरों को स्थिर रखा है, जिससे आपके लिए यह एक अच्छा मौका हो सकता है। यदि आप घर खरीदने की सोच रहे हैं या मौजूदा होम लोन को रिफाइनेंस कराने की योजना बना रहे हैं, तो आपको कम ब्याज दर के लिए बैंकों से मोलभाव करने का एक उपयुक्त अवसर मिल सकता है। रिज़र्व बैंक के फैसले के बाद, होम लोन लेने वालों के लिए यह समय थोड़ा राहत देने वाला हो सकता है। यदि आप पहले से ही होम लोन का भुगतान कर रहे हैं, तो आप रिफाइनेंसिंग के जरिए अपनी ब्याज दरों को कम कर सकते हैं और कुल लोन की लागत में बचत कर सकते हैं। साथ ही, अगर आप नया घर खरीदने का विचार कर रहे हैं तो अब बैंक से ब्याज दर पर बातचीत करना एक अच्छा कदम साबित हो सकता है।