ट्रंप के साथ मुनिर के लंच पर बोले उमर अब्दुल्ला, कहा - ''अमेरिका वही करता है जो उसके फायदे में हो''

punjabkesari.in Friday, Jun 20, 2025 - 09:21 PM (IST)

National Desk : जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और पाकिस्तान के फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के लंच पर प्रतिक्रिया दी। सीएम ने कहा कि हम यह तय नहीं कर सकता कि अमेरिका किसे डिनर पर बुलाए। उन्होंने कहा कि हमें लगा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति हमारे मित्र हैं, लेकिन अमेरिका अपने फायदों को ऊपर रखता है। वहीं ईरान में फंसे भारतीय छात्रों की वापसी को लेकर भी उन्होंने अपनी बात रखी।


अमेरिका सिर्फ अपना फायदा देखता है
उमर अब्दुल्ला ने कहा, "हम क्या उसको कह सकते हैं कि आप किसको खाने पर बुलाओगे, किसको नहीं बुलाओगे? वो दूसरी बात है कि हमें लग रहा था कि अमेरिका के राष्ट्रपति हमारे बहुत खास दोस्त हैं और हमारी दोस्ती का वो ख्याल रखेंगे, लेकिन जाहिर सी बात है कि अमेरिका वो करती है जो अमेरिका के फायदे के लिए है। उनको और किसी मुल्क के फायदे की परवाह नहीं है।"

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ईरान में फंसे भारतीय छात्रों पर क्या कहा?
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ईरान में फंसे भारतीय नागरिकों, विशेषकर जम्मू-कश्मीर के छात्रों की वापसी को लेकर किए जा रहे प्रयासों की जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि वहां के हालात को देखते हुए छात्रों को एकदम से बाहर निकालना संभव नहीं है, क्योंकि न तो हवाई अड्डे खुले हैं और न ही बंदरगाह काम कर रहे हैं। इसलिए सबसे पहले इन छात्रों को सड़क मार्ग से उन इलाकों में पहुंचाया जा रहा है जहां हालात अपेक्षाकृत शांत हैं और बमबारी नहीं हो रही है। इसके बाद उन्हें आर्मेनिया के रास्ते भारत वापस लाया जा रहा है। सीएम ने यह भी बताया कि आज करीब 300 से 400 छात्रों के लौटने की संभावना है, जिनमें से अधिकांश जम्मू-कश्मीर से हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि सभी छात्रों की सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित की जा रही है और सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि कोई भी पीछे न छूटे।


उपराज्यपाल की क्या भूमिका पर दिया बयान 
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल पर उन्होंने कहा, "मैंने ये कभी नहीं कहा कि एलजी के पास सारे पावर हैं। आप जम्मू-कश्मीर रीऑर्गनाइजेशन एक्ट देखिए। एलजी ने खुद कहा कि उनकी जिम्मेदारी जो है सिर्फ सिक्योरिटी एंड लॉ एंड ऑर्डर तक है। इसलिए मैं कहता हूं ना बिजनेस रूल्स कैबिनेट ने मंजूर किए हैं उनको एलजी साहब दस्तखत करके वापस दें ताकि यहां कोई कन्फ्यूजन ना रहे। हम खुद कहते हैं कि एलजी साहब की सिर्फ एक जिम्मेदारी है। वो जम्मू-कश्मीर के लोगों को सुरक्षित करें, यहां की सिक्योरिटी का इंतजाम ठीक करें. बाकी जिम्मेदारी हमारी है।"


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News Editor

Rahul Rana

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