पहले भी इन कारणों से रोकी जा चुकी है मक्का-मदीना की पवित्र यात्रा, पढ़ें रिपोर्ट

punjabkesari.in Monday, Apr 27, 2020 - 08:34 PM (IST)

नई दिल्ली/डेस्क। कोरोना वायरस के कारण इस बार रमजान त्योहार लोग घरों में रह कर मना रहे हैं। सुरक्षा और बचाव के लिए सरकार और मौलवियों द्वारा इस बारे में पहले ही मुस्लिम समुदाय के लिए गाइडलाइन जारी कर दी गईं थीं। लोगों से अपील की गई थी कि रमजान के दिनों में सभी घरों में ही नमाज अदा करें और लॉकडाउन के नियमों का पालन करें।

लेकिन इस बार सिर्फ रमजान ही नहीं बल्कि इस्लाम धर्म के पवित्र मक्का-मदीना मस्जिद में भी आम लोगों के लिए वहां नमाज अदा करने पर पाबंदी लगी हुई है। बताया जा रहा है कि आने वाले कई महीनों के लिए ये मस्जिद बंद रहेगी।

लाखों लोगों का है आना-जाना
सालों से यहां रमजान के महीने में लाखों की संख्या में श्रद्धालु सऊदी अरब पहुंचते हैं। इस पाबंदी के चलते हो सकता है कि जुलाई में होने वाली हज यात्रा भी रद्द हो जाए। हालांकि मक्का मस्जिद में लोगों को आने–जाने से रोकना पहले भी होता रहा है।

लेकिन यह पहली बार नहीं होगा जब किसी महामारी के कारण हज यात्रा रद्द की जाएगी। हालांकि इससे पहले भी 1400 सालों में कई बार ऐसा हुआ है जब यह यात्रा रद्द की गई है। आईये जानते हैं...

पहली बार
इस बारे में बताया जाता है कि सबसे पहले हज यात्रा तब रोकी गई थी जब 1930 ईस्वी में बहरीन के शिया शासक अबु ताहिर सुलेमान अल-जनाबी ने मक्का मस्जिद पर हमला कर दिया था और बड़ी संख्या में मक्का में श्रद्धालुओं की हत्या कर दी थी। बताया जाता है कि इस हमले के दौरान अबु ताहिर मस्जिद के पवित्र काले पत्थर को भी अपने साथ ही ले गया था।

दूसरी बार
एक बार राजनीतिक विवाद की वजह से भी हज यात्रा रद्द हुई थी। यह बात 983ईस्वी की है जब बगदाद और मिस्र के बीच युद्ध चल रहा था। इस लड़ाई की वजह से तकरीबन 8 सालों तक मक्का और मदीना तक श्रद्धालु नहीं पहुंच सके थे।

इसके अलावा जब नेपोलियन ने ब्रिटिश शासन खत्म करने के लिए हमला किया तब भी हज यात्रियों को मक्का और मदीन की यात्रा रुक गई थी।


बीमारियां और हज यात्रा
कोरोना महामारी से पहले भी हज यात्राएं रोकी जा चुकी हैं। पहली बार प्लेग की वजह से उसके बाद सूखे और अकाल के कारण भी ऐसा हो चुका है। उस वक़्त भी सभी रास्ते बंद कर दिए गये थे लगभग लॉकडाउन जैसे हालात थे।

ऐसे भी रहे हैं हालात
पिछले कुछ सालों में भी कई बार हज की यात्रा को रोकना पड़ा था। यह तब हुआ जब साल 2012-13 में सऊदी अरब सरकार ने मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम के चलते बुजुर्गों और बीमार लोगों को हज पर आने से मना कर दिया। इसके अलावा साल 2107 में जब कतर के साथ सऊदी अरब के डिप्लोमैटिक संबंध खराब हुए तब कतर के करीब 18 लाख श्रद्धालुओं को हज पर आने से रोक दिया गया था।

 


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Chandan

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