HMPV In India: पैनिक न करें, सावधानी जरूरी; विशेषज्ञों ने बताए HMPV वायरस से बचाव के उपाय

punjabkesari.in Monday, Jan 06, 2025 - 05:18 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के कुछ मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय और विशेषज्ञों ने सतर्कता बढ़ा दी है। हालाँकि, दिल्ली मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष और वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अरुण गुप्ता ने कहा कि मौजूदा स्थिति चिंताजनक नहीं है और घबराने की आवश्यकता नहीं है।

संक्रमण को लेकर सावधानी

डॉ. गुप्ता ने बताया कि HMPV से जुड़े संक्रमण पहले भी देखे गए हैं और यह कोई नया वायरस नहीं है। भारत में जो मामले रिपोर्ट हुए हैं, वे नियमित निगरानी के दौरान पाए गए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, फ्लू जैसे लक्षणों वाली बीमारियों में कोई अप्रत्याशित वृद्धि नहीं हुई है। फिर भी, कोरोना जैसी सावधानियों को अपनाने की सलाह दी गई है, जैसे:

  • मास्क का उपयोग करना
  • छींकते समय रुमाल या हाथ से नाक-मुंह ढकना
  • हाथों की नियमित सफाई
  • भीड़भाड़ वाली जगहों से बचना

स्वास्थ्य मंत्रालय की बैठक

शनिवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने संयुक्त निगरानी समूह की बैठक आयोजित की। इसमें डीजीएचएस, आईसीएमआर, एनसीडीसी, डब्ल्यूएचओ और अन्य प्रमुख संस्थाओं के विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। बैठक में चीन में श्वसन रोगों के बढ़ते मामलों और मौसमी पैथोजेन्स जैसे इन्फ्लूएंजा, RSV और HMPV की समीक्षा की गई।

मंत्रालय ने बताया कि भारत में श्वसन संबंधी बीमारियों के लिए पहले से ही एक मजबूत निगरानी प्रणाली है। आईसीएमआर और आईडीएसपी नेटवर्क के आंकड़ों से पता चला है कि मौजूदा समय में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई है। अस्पतालों के चिकित्सकों ने भी इसकी पुष्टि की है।

भविष्य की तैयारी

बैठक में यह निर्णय लिया गया कि:

  • आईसीएमआर HMPV की जांच करने वाली प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाएगा।
  • पूरे वर्ष HMPV और अन्य श्वसन वायरस के रुझानों पर नजर रखी जाएगी।
  • हाल ही में देशभर में आयोजित मॉक ड्रिल के परिणामों से पता चला है कि भारत श्वसन बीमारियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है और देश की स्वास्थ्य प्रणाली किसी भी उभरती चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है।

 


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Content Writer

Anu Malhotra

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