श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद मामलें में हिंदू पक्ष को लगा तगड़ा झटका, हाई कोर्ट का आया बड़ा फैसला
punjabkesari.in Friday, Jul 04, 2025 - 05:31 PM (IST)

National Desk : मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद में एक अहम मोड़ तब आया जब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हिंदू पक्ष की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें मस्जिद को "विवादित ढांचा" घोषित करने की मांग की गई थी। यह याचिका आवेदन संख्या A-44 के रूप में प्रस्तुत की गई थी।
कोर्ट में क्या रखा गया था अनुरोध?
वादी वकील महेंद्र प्रताप सिंह ने अदालत में सूट नंबर 13 के तहत एक प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। इसमें उन्होंने अनुरोध किया था कि कोर्ट के स्टेनोग्राफर को आगे की सभी कार्यवाहियों में शाही ईदगाह मस्जिद के स्थान पर "विवादित ढांचा" शब्द का प्रयोग करने का निर्देश दिया जाए।
मुस्लिम पक्ष को राहत
इस आवेदन का मुस्लिम पक्ष ने विरोध किया और लिखित आपत्ति दाखिल की। कोर्ट ने सुनवाई के बाद हिंदू पक्ष की यह अर्जी खारिज कर दी, जिससे मुस्लिम पक्ष को बड़ी राहत मिली है। इस समय श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद से जुड़ी कुल 18 याचिकाएं अदालत में लंबित हैं, जिनकी सुनवाई जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा की सिंगल बेंच द्वारा की जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट की राह पर हिंदू पक्ष
हिंदू पक्ष की ओर से वकील महेंद्र प्रताप सिंह ने कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनकी याचिका को खारिज कर दिया गया है, लेकिन वे हार मानने वाले नहीं हैं। वह हाई कोर्ट के विस्तृत आदेश की प्रति प्राप्त करने के बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे।
क्या है विवाद?
यह विवाद मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद के मालिकाना हक को लेकर है। दावा किया जाता है कि मंदिर परिसर की कुल जमीन करीब 13.37 एकड़ है, जिसमें से 11 एकड़ श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर के पास है, जबकि 2.37 एकड़ भूमि पर शाही ईदगाह मस्जिद स्थित है।
दोनों पक्षों के तर्क क्या हैं?
हिंदू पक्ष का कहना है कि मुगल सम्राट औरंगजेब ने 1669-70 में पुराने केशवदेव मंदिर को ध्वस्त कर वहां मस्जिद का निर्माण करवाया था। उनका दावा है कि यह स्थान भगवान श्रीकृष्ण का वास्तविक जन्मस्थान है और संपूर्ण भूमि मंदिर की है। दूसरी ओर मुस्लिम पक्ष इन आरोपों को खारिज करता है और कहता है कि मस्जिद पूरी तरह वैध तरीके से स्थापित की गई है। इस पूरे मामले को लेकर अब सबकी नजर सुप्रीम कोर्ट की संभावित सुनवाई पर टिकी हुई है।