महाकुंभ में धर्म के बंधन को तोड़कर, मुस्लिम कारीगरों ने पूरा किया ये बड़ा काम

punjabkesari.in Thursday, Jan 16, 2025 - 07:26 PM (IST)

नेशनल डेस्क : प्रयागराज महाकुंभ 2025 के आयोजन के दौरान पीतल की मूर्तियों की डिमांड में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली है। इस बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए अलीगढ़ में हिंदू और मुस्लिम कारीगर मिलकर दिन-रात काम कर रहे हैं। इन कारीगरों का कहना है कि वे सद्भाव और भाईचारे के साथ अपना काम करते हुए इन महत्वपूर्ण मूर्तियों को बना रहे हैं।

महाकुंभ के लिए मूर्तियों की बढ़ी डिमांड
प्रयागराज में महाकुंभ मेले के दौरान धार्मिक और पवित्र कार्यों के लिए पीतल की मूर्तियों की विशेष मांग होती है। मूर्तियों के अलावा, शंख, भगवान शिव की प्रतिमाएं, और अन्य पूजा सामग्री की भी भारी मांग बढ़ी है। अलीगढ़ के कारीगर अब इन सभी सामानों की सप्लाई के लिए पूरी तरह से जुटे हुए हैं। इन मूर्तियों की खासियत यह है कि ये न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इनका सौंदर्य और फिनिशिंग भी उच्च गुणवत्ता की होती है।

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हिंदू-मुस्लिम कारीगर मिलकर कर रहे हैं काम
अलीगढ़ की फैक्ट्रियों में हिन्दू और मुस्लिम दोनों समुदायों के कारीगर मिलकर काम कर रहे हैं। राजा वार्ष्णेय, जो इस काम के प्रमुख फैक्ट्री संचालक हैं, बताते हैं कि "हमारे पास पीतल की मूर्तियों का काम है और हम इन्हें देशभर में सप्लाई करते हैं। महाकुंभ के चलते डिमांड बढ़ गई है और हम हर मर्तबा इस काम को सटीकता और श्रद्धा से करते हैं। हमारे साथ फिनिशिंग का काम मुस्लिम भाई भी करते हैं, जो इस काम को अपनी पूरी मेहनत और प्यार के साथ करते हैं।" मुस्लिम कारीगर मोहम्मद मुस्तकीम का कहना है, "इस समय प्रयागराज में महाकुंभ चल रहा है, जिसके कारण पीतल की मूर्तियों की डिमांड बहुत ज्यादा बढ़ी है। हम सभी कारीगर हिंदू-मुस्लिम मिलकर ये मूर्तियां तैयार कर रहे हैं और यह एक बेहतरीन उदाहरण है कि हमारी मेहनत और भाईचारे से ही यह काम संभव हो पा रहा है।"

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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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