कुंभ, हज और वेटिकन मास... धर्म, आस्था और अर्थव्यवस्था का मिलाजुला महाकुंभ!

punjabkesari.in Tuesday, Jan 14, 2025 - 04:20 PM (IST)

नेशनल डेस्क: धर्म और आस्था मानवता को जोड़ने वाली शक्तियां हैं, और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में लाखों लोग धार्मिक आयोजनों में भाग लेने के लिए एकत्रित होते हैं। इनमें से तीन सबसे बड़े आयोजनों में कुंभ मेला, हज यात्रा और वेटिकन मास शामिल हैं। ये आयोजन न सिर्फ धार्मिक और आस्थापूर्ण दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इनका अर्थशास्त्र भी व्यापक है। इन आयोजनों से जुड़े आर्थिक पहलुओं को समझना जरूरी है, क्योंकि ये लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित करते हैं और स्थानीय तथा राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं पर गहरा प्रभाव डालते हैं।

महाकुंभ मेला
भारत में कुंभ मेला सबसे बड़ा और सबसे प्रसिद्ध धार्मिक आयोजन है, जो हर 12 साल में एक बार होता है। यह मेला चार प्रमुख स्थानों – प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक* में आयोजित होता है। हिंदू धर्म में कुंभ मेला का विशेष धार्मिक महत्व है, क्योंकि इसे पुण्य स्नान और मोक्ष प्राप्ति का अवसर माना जाता है। प्रत्येक बार महाकुंभ मेला जब आयोजित होता है, तो इसमें लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान होता है। इस आयोजन का आयोजन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किया जाता है, और इसके लिए हर साल व्यापक इंतजाम किए जाते हैं। इस बार 2025 के महाकुंभ के आयोजन के लिए प्रयागराज में 4000 हेक्टेयर क्षेत्र को मेला क्षेत्र के रूप में तैयार किया गया है।

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उत्तर प्रदेश सरकार ने मेला क्षेत्र को राज्य का 76वां जिला घोषित किया है और 25 सेक्टरों में बांटकर प्रशासनिक व्यवस्था को सुव्यवस्थित किया है। मेला क्षेत्र में 10 लाख श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था की गई है, और रेलवे ने 3000 स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया है। महाकुंभ से जुड़ी अर्थव्यवस्था में अनुमानित रूप से 2 लाख करोड़ रुपये का लाभ होने की संभावना है। स्थानीय व्यवसायी, कारीगर, होटल मालिक और छोटे व्यापारियों को बड़े पैमाने पर आर्थिक लाभ होता है। इस आयोजन का प्रभाव इतना विशाल है कि यह न सिर्फ धार्मिक बल्कि आर्थिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।

हज यात्रा
हज यात्रा इस्लाम का एक प्रमुख धार्मिक कर्तव्य है, जिसे हर मुसलमान पर अपनी जिंदगी में एक बार करना जरूरी होता है, बशर्ते उसके पास पर्याप्त आर्थिक संसाधन हों। हज का आयोजन सऊदी अरब के मक्का में होता है, और यह इस्लामिक कैलेंडर के 12वें महीने, धू अल-हिज्जा में मनाया जाता है। हज यात्रा की शुरुआत 628 ई. में हुई थी और तब से यह एक पारंपरिक धार्मिक यात्रा बन गई। सऊदी अरब हर साल लाखों मुसलमानों का स्वागत करता है, और 2024 में हज पर जाने वाले यात्रियों की संख्या 1 करोड़ 30 लाख तक पहुंचने का अनुमान है।

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हज यात्रा के दौरान सऊदी अरब को भारी आर्थिक लाभ होता है। हज और उमरा से सऊदी अरब हर साल 12 अरब डॉलर कमाता है, और सरकार इस राशि का इस्तेमाल मक्का के आसपास के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए करती है। सऊदी सरकार का लक्ष्य 2030 तक हज यात्रियों की संख्या को बढ़ाकर 30 मिलियन करने का है। मक्का में बड़े पैमाने पर आवासीय, यातायात और अन्य सुविधाएं बनाई जा रही हैं, ताकि आने वाले मुसलमानों को बेहतर सेवाएं प्रदान की जा सकें। इसके अलावा, सरकार हज और उमरा पैकेज को सस्ता करने के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू कर रही है। सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था में हज की भूमिका महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि आर्थिक दृष्टिकोण से भी अत्यधिक प्रभावशाली है।

वेटिकन मास
वेटिकन सिटी ईसाई धर्म का एक महत्वपूर्ण केंद्र है, जहां सेंट पीटर बेसिलिका स्थित है। यह स्थान हर साल लाखों ईसाई श्रद्धालुओं के लिए एक तीर्थस्थल है। यहां पोप फ्रांसिस द्वारा की जाने वाली प्रार्थनाएं वैश्विक समुदाय के लिए धार्मिक संवाद का एक महत्वपूर्ण अवसर होती हैं। सेंट पीटर बेसिलिका में रोजाना मास होती है, और बड़ी धार्मिक घटनाओं के दौरान यहां लाखों लोग एकत्रित होते हैं। वेटिकन सिटी में सेंट पीटर्स स्क्वायर एक विशाल क्षेत्र है, जिसमें 80,000 लोग एक साथ प्रार्थना में शामिल हो सकते हैं। वेटिकन सिटी का खर्च बहुत गुप्त रखा जाता है, लेकिन यह धर्म के कार्यों के लिए बड़े पैमाने पर दान प्राप्त करता है। यहां आने वाले श्रद्धालु इटली के होटलों में रुकते हैं, और वेटिकन बैंक के माध्यम से यहां वित्तीय व्यवस्थाएं संचालित होती हैं।

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 हर साल लगभग 50 लाख लोग वेटिकन सिटी आते हैं, जो धर्म और आस्था के मामले में इस स्थान को बेहद महत्वपूर्ण बनाता है। वेटिकन सिटी की अर्थव्यवस्था में इसके धार्मिक कार्यों और तीर्थयात्रियों के दान का अहम योगदान है।कुंभ मेला, हज यात्रा और वेटिकन मास दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में शामिल हैं, जो न सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इनका आर्थिक प्रभाव भी बहुत बड़ा है। इन आयोजनों के माध्यम से धार्मिक परंपराओं का पालन तो किया जाता ही है, साथ ही इससे जुड़ी अर्थव्यवस्थाओं को भी व्यापक लाभ मिलता है। चाहे वह भारत का महाकुंभ हो, सऊदी अरब का हज हो या वेटिकन सिटी का मास, सभी आयोजनों का धार्मिक और आर्थिक महत्व बहुत गहरा है। 


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Content Editor

Mahima

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