"हिम्मत-ए-मर्दा तो मदद-ए-खुदा," बिना हाथों वाली पहली महिला तीरंदाज, निशाना ऐसा जो आसानी से ना चूके
punjabkesari.in Tuesday, Dec 05, 2023 - 08:48 AM (IST)

नेशनल डेस्क : अगर हौसला हो बुलंद तो हर मुश्किल आसान हो जाती और जीत सिर्फ आपकी होती है। ऐसे ही हौसले और हुनर से भरी है शीतल देवी की कहानी। महज 16 साल की उम्र में ही शीतल ने चीन के हांगझाऊ में हुए एशियाई पैरा खेलों में दो स्वर्ण समेत तीन मेडल जीतकर इतिहास रच दिया था। इतना ही नहीं वह एक ही संस्करण में दो बार स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला भी हैं। इस टैलेंट से भरी लड़की का जन्म 10 जनवरी 2007 को जम्मू-कश्मीर में किश्तवाड़ जिले के पिछड़े गांव लोइधर में हुआ था। गरीब परिवार की बेटी शीतल के पिता एक किसान हैं और मां घर में बकरियों को संभालती हैं।
जन्म से ही संघर्षपूर्ण जीवन बीता रही शीतल के जन्म से ही दोनो हाथ नहीं थे। फोकोमेलिया नाम की बीमारी से पीड़ित शीतल ने कभी भी अपने हौसले को टुटने नहीं दिया। बता दें कि इस बीमारी में शरीर के अंग पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाते हैं। लेकिन अपनी इस बीमारी से लड़ते हुए शीतल के लिए दिव्यांगता कभी अभिशाप नहीं बन पाया। इसको अपनी कमजोरी ना समझते हुए उन्होंने तीरंदाजी करना शुरु कर दिया। शीतल बिना दोनों बाजू के सिर्फ छाती के सहारे दांतों और पैर से तीरंदाजी का अभ्यास करती हैै।
शीतल साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धा करने वाली बिना हाथों की पहली तीरंदाज भी बनी हैं। उन्होंने हाल ही में चीन के Hangzhou में हुए एशियाई पैरा गेम्स 2023 में आपने शानदार प्रदर्शन से ना सिर्फ देश का नाम ऊंचा किया बल्कि देश के लिए गोल्ड और सिल्वर मेडल भी जीते। गजब के निशाने वाली शीतल के दिग्गज भारतीय उद्योगपति और महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा भी उनके टैलेंट से हैरान हुए थे।
कैसे की प्रैक्टिस
शुरुवात में तो वह धनुष तक नहीं उठा पाती थीं लेकिन उन्होंने बीना हिम्मत हारे अपने दाएं पैर से धनुष उठाने का अभ्यास किया और दो साल की कड़ी मेहनत की बदौलत अपनी जीत का परचम हर जगह लहराया। 2021 में बतौर तीरंदाजी से करियर की शुरुआत करने वाली शीतल ने पहली बार किश्तवाड़ में भारतीय सेना की एक युवा प्रतियोगिता में भी हिस्सा लिया। इसके इलावा ट्रेनिंग के दौरान उनके लिए एक विशेष धनुष भी तैयार कराया गया ताकि वह पैर से आसानी से धनुष उठा सकें और कंधे से तीर को खींच सकें। उनको सिखाने वाले उनके कोच अभिलाषा चौधरी और कुलदीप वेदवान हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी दिया था आर्शीवाद
एशियाई पैरा गेम्स 2023 में पदक जीतने वाले सभी भारतीय खिलाड़ियों से हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुलाकात की थी। इन्हीं खिलाड़ियों में जम्मू कश्मीर की होनहार बेटी शीतल भी शामिल है, जिसे आर्शीवाद देते पीएम मोदी की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल भी हुई थी।
बिजनेस टाइकून आनंद महिंद्रा ने भी की थी तारीफ
फेमस बिजनेस टाइकून आनंद महिंद्रा ने आपने ऑफिसियल सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर शीतल का एक वीडियो शेयर करते हुए साथ में लिखा था " मैं अपने जीवन में कभी भी छोटी-मोटी समस्याओं के बारे में शिकायत नहीं करूँगा। शीतल देवी आप हम सभी के लिए एक शिक्षक हैं। कृपया हमारी श्रेणी में से कोई भी कार चुनें और हम इसे आपको पुरस्कार के रुप में देने में भेहद खुशी होगी और इसे आपके उपयोग के लिए कस्टमाइज भी करेंगे।
I will never,EVER again complain about petty problems in my life. #SheetalDevi you are a teacher to us all. Please pick any car from our range & we will award it to you & customise it for your use. pic.twitter.com/JU6DOR5iqs
— anand mahindra (@anandmahindra) October 28, 2023
अब खेलो इंडिया पैरा गेम्स में दिखाएंगी हुनर
शीतल अब खेलो इंडिया पैरा गेम्स में अपना हुनर दिखाएंगी, जो 10 दिसंबर से पहली बार राजधानी दिल्ली में शुरु हो रहा है। पहली बार, देश के पैरा सितारे इस बहुप्रतीक्षित टूर्नामेंट में अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे। इन सितारों में से एक शीतल पर भी सबकी नजरें रहने वाली हैं। इसमें 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 1350 से ज्यादा एथलीट सात स्पर्धाओं में हिस्सा लेंगे।