Himachal Flood: ‘काम कर लो, नहीं आती मौत...’, हादसे से 1 दिन पहले बनाई ऐसी REEL, फिर 2 बच्चों के साथ बहा ले गया सैलाब

punjabkesari.in Saturday, Aug 03, 2024 - 02:33 PM (IST)

नेशनल डेस्क: हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के रामपुर तहसील के समेज गांव में हाल ही में आई बाढ़ ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है। इस प्राकृतिक आपदा ने लोगों की जिंदगी को तहस-नहस कर दिया है और अब उम्मीदें भी टूटती नजर आ रही हैं। 31 जुलाई को आई इस अचानक बाढ़ ने गांव के कई परिवारों को प्रभावित किया है, और अब 36 लोग लापता हैं, जिनमें कल्पना केदारटा और उनके दो छोटे बच्चे भी शामिल हैं।

कल्पना केदारटा, जिनकी उम्र 34 साल थी, एक पावर प्रोजेक्ट में अकाउंटेंट के रूप में कार्यरत थीं। उन्हें 1 अगस्त से झाखड़ी में अपनी नई जगह पर जॉइन करना था। लेकिन, प्रकृति ने उन्हें और उनके परिवार को बर्दाश्त करने की बजाय बाढ़ की चपेट में ले लिया। कल्पना ने अपनी इंस्टाग्राम रील में अपनी चिंता और जीवन की अनिश्चितता को साझा किया था। उन्होंने कहा था कि लोग काम करने के लिए प्रेरित करते हैं, लेकिन मौत के सामने वो खुद को असहाय महसूस करती हैं। इस रील के कुछ ही घंटे बाद, कल्पना अपने दो बच्चों अक्षिता (7) और अद्विक (4) के साथ बाढ़ में बह गईं।
 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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कल्पना के पति जय सिंह अब इस आपदा में अकेले रह गए हैं। उनके चेहरे पर दर्द और शोक की गहरी छाप है। वह लगातार घटनास्थल पर जाते हैं और बेतहाशा रोते हैं, जिससे स्पष्ट है कि वे इस त्रासदी के बाद जीने की इच्छा भी खो चुके हैं।  समेज गांव अब पूरी तरह से तबाह हो चुका है। बाढ़ के बाद गांव के 25 घर पूरी तरह से नष्ट हो चुके हैं। वहां की मौजूदा स्थिति बेहद गंभीर है, और एनडीआरएफ, सेना, और हिमाचल पुलिस लगातार बचाव और राहत कार्य में लगी हुई हैं। तीन दिन बीतने के बाद भी 36 लापता लोगों का कोई पता नहीं चला है। अब सिर्फ चमत्कार ही इन लोगों की जिंदगी को बचा सकता है। समेज गांव के लोगों की तलाश और राहत कार्यों के बीच, गांव में मौजूद लोग और उनके परिवारवाले आशा और राहत की उम्मीद में हैं। लेकिन बाढ़ ने जो तबाही मचाई है, उसे देखते हुए केवल प्राकृतिक चमत्कार ही अब बचाव की उम्मीद दिखाता है।

 

 


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Content Editor

Mahima

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