मद्रास हाई कोर्ट ने 2 मंदिरों की जमीन पर मेट्रो स्टेशन बनाने की दी अनुमति, कहा- भगवान हमें माफ कर देंगे

punjabkesari.in Wednesday, Mar 12, 2025 - 04:38 PM (IST)

नेशनल डेस्क: मद्रास हाई कोर्ट ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि मंदिर की जमीन पर मेट्रो स्टेशन बनाने से भगवान हमें माफ कर देंगे, क्योंकि इससे मंदिर के भक्तों को भी लाभ होगा। न्यायमूर्ति एन आनंद वेंकटेश ने इस मामले पर अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अगर यह परियोजना लाखों लोगों के भले के लिए है, तो यह ईश्वरीय कृपा से पूरी होगी। कोर्ट ने चेन्नई मेट्रो रेल लिमिटेड (CMRL) को दो हिंदू मंदिरों की जमीन अधिग्रहण करने की अनुमति दे दी।

'...धार्मिक संस्थान की जमीन प्रभावित हो तो भगवान माफ कर देंगे'
न्यायाधीश ने कहा कि धार्मिक संस्थाओं की जमीन को सार्वजनिक परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित किया जा सकता है और यह संविधान के अनुच्छेद 25 या 26 के तहत मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं है। इसके साथ ही, उन्होंने केरल हाई कोर्ट के एक फैसले का उल्लेख करते हुए कहा कि यदि राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण के लिए धार्मिक संस्थान की जमीन प्रभावित हो तो भगवान माफ कर देंगे।

मंदिर के भक्तों ने किया था विरोध
वहीं, CMRL ने रतिना विनयागर मंदिर और दुर्गाई अम्मा मंदिर के पास जमीन अधिग्रहण करने की योजना बनाई थी, जिसका मंदिर के भक्तों ने विरोध किया था। इसके बाद आलयम कपोम फाउंडेशन ने जनहित याचिका (PIL) दायर की थी। इसके जवाब में चेन्नई मेट्रो ने दूसरी जमीन अधिग्रहित करने का प्रस्ताव दिया, जिस पर हाई कोर्ट ने PIL को समाप्त कर दिया। लेकिन बाद में यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी ने CMRL के प्रस्ताव का विरोध किया और इसकी जानकारी के बिना जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को कोर्ट में चुनौती दी। बीमा कंपनी ने कहा कि उसने CMRL से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) लेने के बाद 250 करोड़ रुपए का निवेश किया था।

हाई कोर्ट ने बीमा कंपनी के तर्क को सही माना
मद्रास हाई कोर्ट ने बीमा कंपनी के तर्क को सही माना और कहा कि निर्णय में मुख्य किरदार (यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस) को शामिल किए बिना लिया गया था। कोर्ट ने बीमा कंपनी के जमीन अधिग्रहण को प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ बताया और कहा कि CMRL अपनी मूल योजना के साथ आगे बढ़ सकता है। अंत, कोर्ट ने यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस की याचिका को स्वीकार किया और उसकी संपत्ति के अधिग्रहण नोटिस को रद्द कर दिया। इसके साथ ही, अदालत ने CMRL को अपनी योजना पर काम जारी रखने की अनुमति दे दी।


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Content Editor

Harman Kaur

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