Gold At Record High Level: रिकॉर्ड हाई स्तर पर पहुंची भारत में सोने के दाम, मिडिल क्लास ने खरीदारी के लिए निकाला ये नया तरीका
punjabkesari.in Saturday, Dec 27, 2025 - 11:52 AM (IST)
नेशनल डेस्क : भारत में इस साल सोने की कीमतों ने अब तक की सबसे तेज बढ़त दर्ज की है। शुक्रवार, 26 दिसंबर को सोने के दाम देशभर में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए। 24 कैरेट सोने की कीमत में 100 ग्राम पर करीब 58 हजार रुपये और 10 ग्राम पर लगभग 5,800 रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की गई। क्रिसमस के एक दिन बाद ही सोना नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया।
कहां सस्ता, कहां महंगा सोना
देश के प्रमुख शहरों में सोने के दामों में अंतर देखने को मिला।
- सबसे सस्ता सोना हैदराबाद में करीब 1,40,020 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा।
- सबसे महंगा सोना चेन्नई में लगभग 1,40,620 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बिका।
तेजी से बढ़ती कीमतों के कारण सोना अब आम और मिडिल क्लास परिवारों की पहुंच से दूर होता नजर आ रहा है। इसके बावजूद सर्राफा बाजार में खरीदारी पूरी तरह थमी नहीं है।
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महंगे सोने के बीच लोगों ने निकाला नया रास्ता
कीमतें बढ़ने के बाद भी लोग सोना खरीदना बंद नहीं कर रहे हैं, बल्कि उन्होंने खरीदारी का तरीका बदल लिया है। अब ग्राहक पारंपरिक 22 कैरेट सोने की जगह 14 और 18 कैरेट गोल्ड को प्राथमिकता देने लगे हैं। पहले 14 और 18 कैरेट सोने का इस्तेमाल ज्यादातर डायमंड ज्वेलरी में किया जाता था क्योंकि यह ज्यादा मजबूत और टिकाऊ होता है। लेकिन अब बढ़ती कीमतों के चलते लोग इन्हीं कैरेट के गहनों को खरीद और बेच रहे हैं।
22 कैरेट सोने की मांग में गिरावट
बाजार से जुड़े संगठनों के अनुसार, साल 2025 की शुरुआत में 10 ग्राम सोने की कीमत करीब 80 हजार रुपये थी, जो अब बढ़कर 1.42 लाख रुपये के आसपास पहुंच गई है। दो साल पहले तक शादियों में बनने वाले गहनों में 22 कैरेट सोने की हिस्सेदारी करीब 75% थी, जो अब घटकर 50% रह गई है। बाकी मांग 14 और 18 कैरेट सोने की ओर शिफ्ट हो रही है।
क्यों बढ़ रही है 14-18 कैरेट गोल्ड की डिमांड
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि शादी-ब्याह जैसे मौकों पर सोने के गहनों की जरूरत खत्म नहीं हो सकती। ऐसे में जब 22 कैरेट सोना महंगा हो गया है, तो 14 और 18 कैरेट सोना एक किफायती विकल्प बनकर उभर रहा है। कम कीमत, बेहतर मजबूती और आकर्षक डिजाइन के कारण इन कैरेट के गहनों की मांग आगे भी बनी रह सकती है।
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अगले साल सोने की तेजी पर ब्रेक संभव
इस बीच निवेशकों के लिए एक अहम संकेत भी सामने आया है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि 2026 में सोने और चांदी में मौजूदा जैसी तेज बढ़त दोहराए जाने की संभावना कम है। हालांकि, सेंट्रल बैंकों की लगातार खरीदारी और इलेक्ट्रिक वाहनों जैसी इंडस्ट्री से चांदी की बढ़ती मांग के चलते कीमती धातुओं का आउटलुक अभी भी सकारात्मक बना हुआ है।
