भगवान विश्वकर्मा से लेकर जन्माष्टमी के महापर्व तक, पीएम मोदी के ‘‘मन की बात’’ की 10 बड़ी बातें यहां

punjabkesari.in Sunday, Aug 29, 2021 - 12:47 PM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘‘मन की बात’’ की 80वीं कड़ी में देश और दुनिया के लोगों के साथ अपने विचार साझा करते हुए खेल-कूद को पारिवारिक और सामाजिक जीवन में स्थायी बनाने और ऊर्जा से भरने पर जोर दिया। राष्ट्रीय खेल दिवस और जन्माष्टमी के पर्व की की बधाई से लेकर मेजर ध्यानचंद को श्रद्धांजलि अर्पित करने तक पीएम मोदी के मन की बात की 10 बड़ी बातें इस प्रकार ।

 

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  • आज का युवा मन बने बनाए रास्तों पर चलना नहीं चाहता है। वो नए रास्ते बनाना चाहता है। अनजान जगहों पर कदम रखना चाहता है। मंजिल भी नई और चाह भी नई। युवा दिन-रात मेहनत कर रहा है। 
  • आज किसी भी परिवार में जाइए, युवा परंपराओं से हटकर स्टार्ट अप शुरू कर रहे हैं। नौजवान रिस्क लेने को तैयार है, स्टार्ट अप कल्चर का विस्तार हो रहा है। मैं इसमें उज्जवल भविष्य देख रहा हूं। 
  • अगर आप इस तरह के प्रयास में जुटे ऐसे किसी भी व्यक्ति को जानते हैं, ऐसी किसी जानकारी आपके पास है तो कृपया #CelebratingSanskrit के साथ social media पर उनसे संबंधित जानकारी जरुर साझा करें।
  • कल जन्माष्टमी का महापर्व भी है।  जन्माष्टमी का ये पर्व यानी, भगवान श्री कृष्ण के जन्म का पर्व।  हम भगवान के सब स्वरूपों से परिचित हैं, नटखट कन्हैया से ले करके विराट रूप धारण करने वाले कृष्ण तक, शास्त्र सामर्थ्य से ले करके शस्त्र सामर्थ्य वाले कृष्ण तक। 
  • अब देश में खेल, खेल-कूद, sports, sportsman spirit अब रुकना नहीं है। इस momentum को पारिवारिक जीवन में, सामाजिक जीवन में, राष्ट्र जीवन में स्थायी बनाना है - ऊर्जा से भर देना है, निरन्तर नयी ऊर्जा से भरना है 

 

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  • मेरे प्यारे नौजवानों, हमें, इस अवसर का फायदा उठाते हुए  अलग-अलग प्रकार के sports में महारत भी हासिल करनी चाहिए। गाँव-गाँव खेलों की स्पर्धाएँ निरंतर चलती रहनी चाहिये। 
  • खिलौने कैसे बनाना,  खिलौने की विविधता क्या हो, खिलौनों में technology क्या हो, Child psychology के अनुरूप खिलौने कैसे हो.. आज हमारे देश का युवा उसकी ओर ध्यान केन्द्रित कर रहा है, कुछ contribute करना चाहता है। 
  • देश में 62 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है लेकिन फिर भी हमें सावधानी रखनी है, सतर्कता रखनी है। 
  • आइये, इस बार हम भगवान विश्वकर्मा की पूजा पर आस्था के साथ-साथ उनके संदेश को भी अपनाने का संकल्प करें। हमारी पूजा का भाव यही होना चाहिए कि हम skill के महत्व को समझेंगे, और skilled लोगों को, चाहे वो कोई भी काम करता हो, उन्हें पूरा सम्मान भी देंगे। 
  • जब भी आप कुछ नया करें, नया सोचें, तो उसमें मुझे भी जरूर शामिल करिएगा। मुझे आपके पत्र और messages का इंतज़ार रहेगा। इसी कामना के साथ, आप सभी को आने वाले पर्वों की एक बार फिर ढेरों बधाइयां। 

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Content Writer

vasudha

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