हिमाचल पहुंचा मानसून लोगों के लिए बना मुसीबत, जगह - जगह लैंडस्लाइड, शिमला में गाड़ी दबी; 7 दिन के लिए अलर्ट जारी

punjabkesari.in Friday, Jun 20, 2025 - 03:31 PM (IST)

Himachal Desk : शिमला समेत हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में इस बार मानसून पिछले साल की तुलना में लगभग एक हफ्ता पहले ही पहुंच गया है। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में हुई बारिश के चलते शुक्रवार को कई स्थानों पर भूस्खलन की घटनाएं देखने को मिलीं। शिमला के जतोड़ इलाके में एक पिकअप वाहन पर मलबा गिर गया, जिससे वह पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। वहीं, अपर शिमला के ताउणी-हाटकोटी मार्ग का एक भाग भी भूस्खलन की वजह से नुकसान झेल रहा है। पंडोह के शहीद इंदर सिंह मिडिल स्कूल में जलभराव की स्थिति बनी, जिससे वहां के छात्रों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

अधिकारियों ने बताया कि धर्मशाला-चतरो-गगल मार्ग पर भूस्खलन के कारण यातायात पूरी तरह बाधित हो गया है और इस सड़क को पुनः खोलने का कार्य जारी हैं।

भारी बारिश का ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी

स्थानीय मौसम विज्ञान केंद्र ने राज्य के कुछ इलाकों में 22, 23, 25 और 26 जून को भारी बारिश की संभावना को देखते हुए 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है। इसके अलावा, रविवार, सोमवार, बुधवार और गुरुवार को भी कुछ क्षेत्रों में अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। मंगलवार के लिए 'येलो अलर्ट' जारी किया गया है।

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कहीं कितनी बारिश हुई?

राज्य में सबसे ज्यादा बारिश नाहन में 84.7 मिलीमीटर दर्ज की गई। इसके बाद पंडोह में 35 मिमी, स्लैपर में 26.3 मिमी, सराहन में 20.5 मिमी, पांवटा साहिब में 19.8 मिमी, जोगिंदरनगर में 19 मिमी, पच्छाद में 17.2 मिमी, रामपुर में 15.6 मिमी और गोहर में 15 मिमी बारिश हुई। शिमला, सुंदरनगर और कांगड़ा में गरज-चमक के साथ बारिश हुई, जबकि बजौरा में तेज़ हवाओं की रफ्तार 37 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच गई।

मौसम विभाग की चेतावनी

मौसम विभाग ने आगाह किया है कि मध्य और निचले पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण भूस्खलन, मिट्टी का धंसना, निचले इलाकों में जलभराव, कमजोर संरचनाओं को नुकसान, फिसलन भरी सड़कों पर वाहन फिसलने और कम दृश्यता जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। आगामी दो से तीन दिनों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के हिमाचल के कुछ हिस्सों में और सक्रिय होने की संभावना है।


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News Editor

Rahul Rana

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