स्वास्थ्य मंत्री नड्डा बोले – हर एम्स बनेगा चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान का आदर्श

punjabkesari.in Friday, Jun 13, 2025 - 06:07 PM (IST)

नेशनल डेस्क: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने शुक्रवार को कहा कि क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में स्थित प्रत्येक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) स्वास्थ्य देखभाल नवाचार और शिक्षा के केंद्र के रूप में कार्य करते हुए समतापूर्ण, वहनीय एवं साक्ष्य आधारित स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि ये संस्थान सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने, देखभाल के मानकों को बढ़ाने और स्वास्थ्य सेवा जुड़े विशेषज्ञों की एक नयी पीढ़ी को तैयार करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने एम्स नागपुर में मंत्रालय की सर्वोत्तम विधियों पर आयोजित प्रथम सम्मेलन को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए यह बात कही।

इस दो दिवसीय सम्मेलन का उद्देश्य विभिन्न एम्स द्वारा अपनाई गई अनुकरणीय विधियों को प्रदर्शित करना है, जिसमें रोगी-केंद्रित देखभाल, संचालन दक्षता, डिजिटल परिवर्तन और अकादमिक उत्कृष्टता पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। देश भर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों (एम्स भोपाल, एम्स जम्मू, एम्स बिलासपुर, एम्स जोधपुर, एम्स नागपुर, एम्स देवघर, एम्स पटना, एम्स गोरखपुर, एम्स गुवाहाटी, एम्स रायपुर) के साथ-साथ प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) प्रभाग और रक्षा मंत्रालय ने सम्मेलन में सहयोग किया। नड्डा ने एम्स के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि ‘‘राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में स्थापित प्रत्येक एम्स उन्नत चिकित्सकीय ​​देखभाल, उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान उत्कृष्टता को एकीकृत करता है।''

उन्होंने प्रत्येक नये एम्स की सर्वोत्तम विधियों और नवाचारों को अन्य एम्स के साथ साझा करने के महत्व पर जोर दिया ताकि उनका व्यापक रूप से उपयोग किया जा सके। उन्होंने ‘‘अग्रणी भूमिका निभाने और सर्वोत्तम विधियों पर पहला सम्मेलन आयोजित करने'' के लिए एम्स नागपुर की सराहना की। नड्डा ने भविष्य की स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करने के लिए चिकित्सकों को तैयार करने में एम्स की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने यह भी कहा कि ‘‘शिक्षण-अध्ययन के क्षेत्र में, योग्यता आधारित चिकित्सा शिक्षा पाठ्यक्रम को अपनाना, डिजिटल शिक्षण में निवेश, अत्याधुनिक सिमुलेशन प्रयोगशालाएं और संरचित मेंटरशिप कार्यक्रमों का कार्यान्वयन शैक्षिक उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता का संकेत है।'' स्वास्थ्य मंत्री ने इस बात को भी रेखांकित किया कि ‘‘नये एम्स क्षेत्रीय रूप से प्रासंगिक अध्ययनों, नैतिक क्लिनिकल ​​परीक्षणों और अनुवाद संबंधी शोध के माध्यम से देश की वैज्ञानिक प्रगति में योगदान दे रहे हैं।'' 


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Content Editor

Mansa Devi

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