अब सिर्फ 2 घंटे की अस्पताल भर्ती पर भी मिलेगा हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम,  बीमा पॉलिसियों पर बड़ा अपडेट

punjabkesari.in Friday, Jul 11, 2025 - 01:28 PM (IST)

नई दिल्ली: हेल्थ इंश्योरेंस से जुड़ी एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। अब आपको इंश्योरेंस क्लेम पाने के लिए 24 घंटे अस्पताल में भर्ती रहने की जरूरत नहीं पड़ेगी। तेजी से बदलती मेडिकल टेक्नोलॉजी और आधुनिक इलाज के तरीकों को देखते हुए कई प्रमुख बीमा कंपनियों ने अपने नियमों में बदलाव किया है। नई व्यवस्था के तहत अब केवल 2 घंटे के हॉस्पिटलाइजेशन पर भी बीमा कंपनियां क्लेम स्वीकार कर रही हैं।

बीमा नियमों में क्यों हुआ ये बदलाव?
पिछले कुछ वर्षों में स्वास्थ्य सेवाओं और उपचार के तरीकों में जबरदस्त क्रांति आई है। पहले जिन प्रक्रियाओं के लिए मरीजों को पूरी रात अस्पताल में रुकना पड़ता था, अब वही इलाज कुछ ही घंटों में संभव हो गया है। जैसे कि मोतियाबिंद का ऑपरेशन, एंजियोग्राफी या कीमोथेरेपी जैसी प्रक्रियाएं अब दिन में ही पूरी हो जाती हैं।

पॉलिसीबाजार के हेल्थ इंश्योरेंस प्रमुख सिद्धार्थ सिंघल के अनुसार, "मेडिकल टेक्नोलॉजी में हुए सुधारों की वजह से अस्पताल में रुकने की जरूरत लगातार कम हो रही है। बीमा कंपनियों को भी अपने नियम इन्हीं बदलावों के अनुरूप ढालने की आवश्यकता थी, ताकि आधुनिक इलाज के बाद भी पॉलिसीधारकों को इंश्योरेंस क्लेम से वंचित न रहना पड़े।"

अब किन बीमा कंपनियों में मिलेगी यह सुविधा?
भारत की कुछ प्रमुख हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों ने अपनी पॉलिसियों में इस नए बदलाव को शामिल किया है, जिससे बीमा कवर की पहुँच अधिक सुलभ और व्यावहारिक हो गई है। इनमें शामिल हैं:

ICICI लोम्बार्ड – Elevate Plan
सालाना प्रीमियम: ₹9,195
कवरेज: ₹10 लाख तक
पात्रता: 30 वर्षीय गैर-धूम्रपान करने वाले व्यक्ति

Care Health Insurance – Care Supreme Plan

सालाना प्रीमियम: ₹12,790 से शुरू
विस्तृत कवरेज के साथ आधुनिक इलाजों पर फोकस

Niva Bupa – Health ReAssure Plan
सालाना प्रीमियम: ₹14,199 से शुरू

कम समय में उपचार वाली प्रक्रियाओं पर खास ध्यान

इन पॉलिसियों में खास बात यह है कि "कम से कम हॉस्पिटल स्टे की बाध्यता" को हटाया गया है, जिससे यदि मरीज कुछ ही घंटों के इलाज के बाद घर लौट जाए, तो भी क्लेम स्वीकार किया जाएगा। यह सुविधा खासकर उन बीमारियों या प्रक्रियाओं के लिए लाभकारी है, जहां अस्पताल में रुकना अब चिकित्सा की दृष्टि से आवश्यक नहीं रह गया है।

पॉलिसी लेने से पहले क्या ध्यान दें?
हालांकि यह बदलाव स्वागत योग्य है, लेकिन विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि पॉलिसी खरीदते समय उपभोक्ताओं को शर्तों को सावधानीपूर्वक पढ़ना चाहिए। यह जानना जरूरी है कि किन प्रक्रियाओं को "डे-केयर" में कवर किया गया है और क्लेम प्रोसेस की प्रक्रिया क्या है। सभी बीमा कंपनियां एक जैसी नीतियों का पालन नहीं करतीं, इसलिए अपनी ज़रूरत के अनुसार पॉलिसी का चयन करना बेहद अहम है।


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Content Writer

Anu Malhotra

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