असम सरकार का बड़ा फैसला - अब बिल जमा न होने पर भी 2 घंटे से ज़्यादा डेड बॉडी नहीं रोक पाएंगे प्राइवेट हॉस्पिटल
punjabkesari.in Friday, Jul 11, 2025 - 11:24 AM (IST)

नेशनल डेस्क: असम कैबिनेट ने हाल ही में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं, जिनमें निजी नर्सिंग होम की मनमानी पर अंकुश लगाना और राज्य में बढ़ते मानव-हाथी संघर्ष को कम करना शामिल है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इन फैसलों की जानकारी दी, जिनसे राज्य की स्वास्थ्य सेवा और वन्यजीव संरक्षण दोनों क्षेत्रों में सुधार की उम्मीद है।
निजी नर्सिंग होम के लिए सख्त नियम
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि कैबिनेट ने निजी नर्सिंग होम द्वारा की जाने वाली "जबरदस्ती की गतिविधियों" को रोकने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) और नियामक दिशानिर्देशों के मसौदे को मंजूरी दे दी है। इसका सीधा अर्थ यह है कि अब निजी नर्सिंग होम मरीजों से जुड़े मामलों में मनमानी नहीं कर पाएंगे। यदि ऐसी कोई घटना होती है, तो उसकी सूचना चार घंटे के भीतर पुलिस और जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को देनी अनिवार्य होगी। यह कदम मरीजों और उनके परिवारों को शोषण से बचाने और पारदर्शिता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।
मानव-हाथी संघर्ष पर 'गज मित्र योजना'
एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में राज्य मंत्रिमंडल ने मानव-हाथी संघर्ष (Human-Elephant Conflict) की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए 'गज मित्र योजना' के कार्यान्वयन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। यह योजना विशेष रूप से उन आठ जिलों में लागू की जाएगी जो इस संघर्ष से सबसे अधिक प्रभावित हैं। इन जिलों में गोलपारा, उदलगुरी, नागांव, बक्सा, सोनितपुर, गोलाघाट, जोरहाट और विश्वनाथ शामिल हैं। 'गज मित्र योजना' का उद्देश्य मानव बस्तियों और हाथियों के प्राकृतिक आवास के बीच सह-अस्तित्व को बढ़ावा देना है, जिससे दोनों पक्षों को होने वाले नुकसान को कम किया जा सके। इस योजना में समुदाय की भागीदारी, जागरूकता कार्यक्रम और त्वरित प्रतिक्रिया दल शामिल हो सकते हैं।