HDFC बैंक पर एनआरआई एफडी घोटाले के आरोप, कई लोगों ने की शिकायत

punjabkesari.in Sunday, Jul 13, 2025 - 12:23 PM (IST)

नेशनल डेस्क। भारत के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के ऋणदाता HDFC बैंक लिमिटेड को कम से कम चार अनिवासी भारतीय (NRI) ग्राहकों द्वारा सावधि जमा (Fixed Deposit) के कथित दुरुपयोग की गंभीर शिकायतों का सामना करना पड़ रहा है। इन ग्राहकों ने बैंक और उसके अधिकारियों पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए देश के तीन शहरों में आर्थिक अपराध शाखा (EOW) से संपर्क किया है।

मामले की सीधी जानकारी रखने वाले दो लोगों ने बताया कि यह शिकायतें नागपुर, चंडीगढ़ और गुड़गांव में दर्ज कराई गई हैं। सूत्रों के अनुसार बैंक के मध्य पूर्व परिचालन द्वारा क्रेडिट सुइस के एडिशनल टियर-1 (AT-1) बॉन्ड के भुगतान के लिए 25-30 करोड़ रुपये की जमा राशि का कथित तौर पर दुरुपयोग किया गया है।

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अगले सप्ताह दर्ज हो सकती है FIR 

उपरोक्त सूत्रों ने बताया कि EOW द्वारा अगले सप्ताह की शुरुआत में प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दायर की जा सकती है। इन ग्राहकों का आरोप है कि HDFC बैंक के अधिकारियों ने उन्हें AT-1 बॉन्ड खरीदने के लिए 'मास्टर सर्विस एग्रीमेंट' पर हस्ताक्षर करवाने हेतु उनकी योग्यता को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया। ग्राहकों को इन निवेशों से जुड़े जोखिमों के बारे में ठीक से जानकारी नहीं दी गई थी और उन्हें 12-13% रिटर्न का वादा किया गया था। इसके अलावा उन्हें हस्ताक्षर करने से पहले एग्रीमेंट की पूरी प्रतियां भी समीक्षा के लिए नहीं दी गईं।

एक चौंकाने वाले आरोप में सूत्रों ने बताया कि कम से कम चार मामलों में से एक में बैंक अधिकारियों ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि ग्राहक इन बॉन्ड्स को खरीदने के योग्य है वार्षिक आय का आंकड़ा $40,000 से बढ़ाकर $140,000 कर दिया। गौरतलब है कि AT-1 बॉन्ड औसत खुदरा ग्राहकों के लिए आसानी से उपलब्ध नहीं होते। बैंक आमतौर पर ये बॉन्ड उच्च निवल संपत्ति वाले व्यक्तियों को बेचते हैं।

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बॉन्ड बट्टे खाते में जाने के बाद FD से किया लोन एडजस्ट

दिल्ली स्थित लॉ फर्म एके एंड पार्टनर्स इस मामले में शिकायतकर्ताओं का प्रतिनिधित्व कर रही है।

इन ग्राहकों ने मूल रूप से 2021 में AT-1 बॉन्ड खरीदे थे जिन्हें 2023 में क्रेडिट सुइस के यूबीएस (UBS) द्वारा अधिग्रहण के बाद पूरी तरह से बट्टे खाते में डाल दिया गया था। सूत्रों ने दावा किया कि इन ग्राहकों को बैंक ने उनकी AT-1 होल्डिंग्स के बदले ऋण भी दिए थे। बॉन्ड बट्टे खाते में डालने के बाद बैंक ने कथित तौर पर उनके सावधि जमा के बदले ऋण समायोजित कर दिए।

ग्राहक 2023 से बैंक से बात करके इस समस्या का समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने भारत में नियामकों से भी शिकायत करने की कोशिश की है। हालाँकि AT-1 बॉन्ड HDFC बैंक के मध्य पूर्व कार्यालयों में खरीदे गए थे इसलिए अधिकार क्षेत्र का मुद्दा उठा। सूत्रों के अनुसार मध्य पूर्व के मौद्रिक अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं। शनिवार को HDFC बैंक को भेजे गए ईमेल का तुरंत जवाब नहीं मिला।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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