बड़ा खुलासा : आतंकवादी हरदीप निज्जर के मामले में आई बड़ी अपडेट, खुल गई लिबरल सांसद की पोल

punjabkesari.in Tuesday, Oct 03, 2023 - 08:45 AM (IST)

नेशनल डैस्क : खालिस्तानी आतंरवादी हरदीप निज्जर के मामले में बड़ी अपडेट सामने आई है। 'विश्वसनीय स्रोत' और इंटेल ने मारे गए खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर को लिबरल सांसद सुख धालीवाल से जोड़ा है, जिन्होंने उन्हें और अन्य लोगों को कनाडा में स्थायी निवास दिलाने में मदद की थी। धालीवाल ट्रूडो के करीबी सहयोगी हैं और प्रमुख भारत विरोधी मुद्दों पर उनका मार्गदर्शन करते हैं। उनके पाक की आईएसआई के साथ भी घनिष्ठ संबंध थे और लाहौर में खालिस्तानी पोस्टरों के साथ उनका जोरदार स्वागत किया गया था। यह रिपोर्ट न्यूज 18 द्वारा प्रकाशित की गई है। 

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धालीवाल के आईएसआई के साथ लिंक

बता दें कि धालीवाल को इमीग्रेशन कमेटी का चेयरपर्सन बनाया गया है। यह इनाम उन्हें उनके सिखों के बीच बड़े समर्थन आधार और आईएसआई से उनकी निकटता के लिए मिला है। निज्जर पहले झूठे दस्तावेजो के साथ कनाडा आया था। दो बार उनके वीजा को रिजेक्ट भी किया था, लेकिन फिर किसी तरह उसे कनाडा में रहने की अनुमति दी गई थी।  रिपोर्ट के अनुसार, निज्जर एक इमिग्रेशन रैकेट चला रहा था। जो लोग कनाडा आते थे, उन्हें गैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल किया जाता था। निज्जर ये सारे काम धालीवाल के इशारे पर करता था। इस रैकेट के जरिए हासिल किया गया पैसा दोनों के बीच बांट दिया जाता था। यह भी जानकारी सामने आई है कि धालीवाल के पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के साथ भी लिंक हैं।

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निज्जर विवाद के पीछे धालीवाल ही मास्टरमाइंड

लगभग 4 महीने पहले जब धालीवाल ने पाकिस्तान के लाहौर का दौरा किया था तो वहां उसपर भव्य स्वागत किया गया था। चारों ओर धालीवाल के पोस्टर लगे हुए थे। यहीं पर धालीवाल और ट्रूडो दोनों की घटती रैंकिंग को बढ़ावा देने की साजिश रची गई थी। निज्जर विवाद के पीछे धालीवाल ही मास्टरमाइंड माना जा रहा है। पाकिस्तान का दौरा करने के बाद जब ट्रूडो कनाडा लौटे तो फिर धालीवाल ने सुझाव दिया कि खालिस्तानियों की सहानुभूति हासिल करने के लिए निज्जर की मौत का इस्तेमाल करना होगा। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब धालीवाल का नाम भारत विरोधी रुख के सिलसिले में सामने आया हो। 2010 में लिबरल सांसद धालीवाल और एंड्रयू कानिया ने हाउस ऑफ कॉमन्स में एक याचिका पेश की थी, जिसमें ओटावा से भारत में 1984 के सिख दंगों को नरसंहार का कार्य घोषित करने की बात कही थी।

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कौन है धालीवाल ?

बता दें कि भारत के पंजाब के सुजापुर में 1 अक्तूबर 1960 को जन्मे धालीवाल 1999 में भारत से चले गए और तीन साल बाद कनाडाई नागरिक बन गए। एक व्यवसायी के रूप में, उन्होंने एक सफल भूमि सर्वेक्षण कंपनी की सह-स्थापना की और सरे की नगरपालिका राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जहां कहा जाता है कि उन्होंने 2,600 से अधिक नए पार्टी सदस्यों को साइन करके सरे इलेक्टर्स टीम की सदस्यता सूची में अपना दबदबा बनाया था। यह कुल सदस्यों की संख्या के आधे से अधिक का प्रतिनिधित्व करता है। 
 


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News Editor

Rahul Singh

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