Guru Nanak Dev Death Anniversary: आज है गुरु नानक जी की पुण्यतिथि, जानिए उनकी जीवनी और अनमोल वचन
punjabkesari.in Sunday, Sep 22, 2024 - 11:01 AM (IST)
नेशनल डेस्क : गुरु नानक देव जी, सिख धर्म के पहले गुरु और धार्मिक नेता, की पुण्यतिथि 22 सितंबर को मनाई जाती है। उनका जीवन और शिक्षाएं आज भी लोगों को प्रेरित करती हैं। आइए, गुरु नानक देव जी से जुड़ी कुछ खास बातें जानते हैं:
1. जन्म और प्रारंभिक जीवन:
- गुरु नानक देव जी का जन्म 15 अप्रैल 1469 को तलवंडी (अब ननकाना साहिब, पाकिस्तान) में हुआ था।
- उनका नाम 'नानक' रखा गया और उन्होंने बचपन से ही धार्मिकता और सत्य की खोज में रुचि दिखाई।
2. धार्मिक शिक्षाएं:
- गुरु नानक जी ने एकेश्वरवाद का प्रचार किया, जिसमें केवल एक ईश्वर की उपासना की जाती है।
- उन्होंने सामाजिक असमानताओं और जातिवाद के खिलाफ आवाज उठाई।
3. प्रमुख शिक्षाएं:
- "ईश्वर एक है।" - यह उनके शिक्षाओं का मुख्य आधार है।
- उन्होंने सिखों को सेवा, भक्ति, और सरल जीवन जीने की प्रेरणा दी।
4. गुरुद्वारा करतारपुर:
- गुरु नानक देव जी ने करतारपुर में अपनी अंतिम सांस ली, जहां उन्होंने एक गुरुद्वारा स्थापित किया।
- यह स्थान सिखों के लिए एक पवित्र तीर्थ स्थल है।
5. लंगर की प्रथा:
- गुरु नानक देव जी ने लंगर (सामुदायिक भोजन) की प्रथा की शुरुआत की, जो समानता और भाईचारे का प्रतीक है।
- आज भी हर गुरुद्वारे में लंगर का आयोजन किया जाता है।
6. गुरुवाणी:
- उनकी शिक्षाओं को 'गुरुवाणी' के रूप में संकलित किया गया है, जो सिख धर्म का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- सिख धर्म का प्रमुख ग्रंथ, गुरु ग्रंथ साहिब, उनकी शिक्षाओं से भरा हुआ है।
7. पुण्यतिथि पर कार्यक्रम:
- हर साल 22 सितंबर को गुरु नानक देव जी की पुण्यतिथि पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
- लंगर, गुरुवाणी का पाठ और भजन-कीर्तन जैसे कार्यक्रम देशभर में मनाए जाते हैं।
गुरु नानक जी की पुण्यतिथि पर जानें उनके 10 अनमोल वचन
गुरु नानक जी, सिख धर्म के संस्थापक और पहले गुरु, ने अपने जीवन और शिक्षाओं के माध्यम से मानवता को गहरी समझ और ज्ञान प्रदान किया। उनकी पुण्यतिथि पर, हम उनके 10 अनमोल वचनों पर ध्यान देते हैं, जो आज भी प्रेरणादायक हैं:
1. "एक ओंकार, सतिनाम, करतापुरख, निर्भौ, निरवैर, अकाल मूरत, अजूनी, सैभंग, गुर प्रसाद।"
गुरु नानक जी ने सृष्टि के एकता का संदेश दिया। 'एक ओंकार' का अर्थ है कि सृष्टि में एक ही परमात्मा है। यह वचन हमें एकता और भाईचारे का महत्व समझाता है।
2. "जो तू करे सो तेरा।"
यह वचन हमें अपने कर्मों के प्रति जिम्मेदारी का एहसास कराता है। हमारे कार्यों का फल हमें ही भोगना होता है, इसलिए हमें अपने कर्मों के प्रति सजग रहना चाहिए।
3.लोभ का त्याग और मेहनत के महत्व
लोभ व्यक्ति को गलत रास्तों पर ले जाता है। यह नैतिकता और संबंधों को कमजोर करता है। मेहनत से लक्ष्य प्राप्ति संभव है। कठिनाईयों से अनुभव और ज्ञान मिलता है। ईमानदारी और समर्पण से धन कमाना सही तरीका है।
4. "सच्चा सौदा वो है, जो अपनी इरादों में सच्चाई रखता है।"
यह वचन हमें सच्चाई और ईमानदारी के महत्व को समझाता है। जब हम अपने इरादों में सच्चे होते हैं, तभी हम सच्चे सौदे की परिभाषा को समझते हैं।
5. "खुद को पहचानो, यही सच्चा ज्ञान है।"
आत्म-ज्ञान की आवश्यकता पर जोर देते हुए गुरु जी ने कहा कि यदि हम खुद को नहीं जानते, तो हम सच्चे ज्ञान की ओर नहीं बढ़ सकते।
6. "सर्व प्राणी के प्रति प्रेम रखो।"
गुरु नानक जी ने सभी जीवों के प्रति प्रेम और करुणा का संदेश दिया। यह मानवता के लिए एक महत्वपूर्ण पाठ है कि हमें सभी प्राणियों का सम्मान करना चाहिए।
7. "धन का सच्चा स्वरूप सेवा है।"
गुरु जी ने बताया कि असली धन वह है जो सेवा के माध्यम से प्राप्त किया जाए। जब हम दूसरों की मदद करते हैं, तब हम सच्चे धन को अर्जित करते हैं।
8. "जीवन एक यात्रा है, इसे प्रेम और सेवा से बिताएं।"
जीवन की यात्रा को समझाते हुए उन्होंने कहा कि इसे प्रेम और सेवा के साथ बिताना चाहिए। यह हमें खुशियों की ओर ले जाता है।
9. "सच्चा सुख उस स्थिति में है जब मन को शांति मिले।"
मानसिक शांति का महत्व बताते हुए गुरु जी ने कहा कि असली सुख तब मिलता है जब हमारा मन शांत होता है। तनाव और चिंता से दूर रहना चाहिए।
10. "ईश्वर को ढूंढना अपने अंदर है।"
गुरु नानक जी ने बताया कि ईश्वर की खोज बाहर नहीं, बल्कि हमारे अंदर होनी चाहिए। आत्म-चिंतन और साधना के माध्यम से हम ईश्वर को पा सकते हैं।
इन अनमोल वचनों के माध्यम से गुरु नानक जी ने मानवता को सिखाया कि सच्चाई, प्रेम, सेवा, और एकता का मार्ग ही सच्चा मार्ग है। उनकी शिक्षाएं आज भी हमें प्रेरित करती हैं और जीवन में एक सकारात्मक दिशा प्रदान करती हैं।