इसरो के कई सफल अभियानों में साथी रहा है GSLV MARK III

punjabkesari.in Monday, Jul 15, 2019 - 08:08 PM (IST)

श्रीहरिकोटाः भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के लिए प्रक्षेपणों में तकनीकी समस्याएं आना कोई नयी बात नहीं है जिसने इनसे उबर कर भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) के विभिन्न संस्करणों का प्रयोग कर कई उपग्रह प्रक्षेपित किए हैं। जीएसएलवी मार्क-।।। रॉकेट का प्रयोग करते हुए चंद्रमा के लिए भारत के दूसरे मिशन ‘चंद्रयान-2' का तकनीकी खराबी के चलते प्रक्षेपण टाले जाने से इस भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को झटका लगा है।
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कौन-कौन से प्रक्षेपण सफल रहे
इसरो के मुताबिक छोटे उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए इस्तेमाल होने वाला जीएसएलवी मार्क-।।। रॉकेट का अप्रैल 2001 से 13 बार इस्तेमाल किया गया है। इनमें से तीन - जीसैट-5पी, जीसैट-4 और इनसैट-4सी विफल प्रक्षेपण रहे जबकि संचार उपग्रह जीसैट-7ए, जीसैट-6ए और जीसैट-9 के अलावा इनसैट-3डी, जीसैट-6, इनसैट-4सीआर और एडुसैट, जीसैट-2, जीसैट-3, जीसैट-19 का प्रक्षेपण सफल रहा है।
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GSLV MARK III को कहा जाता है 'बाहुबली' 
चार टन तक का भार (पेलोड) ले जाने की अपनी क्षमता के कारण ‘बाहुबली' कहे जा रहे जीएसएलवी मार्क-।।। रॉकेट ने जीसैट-29 और जीसैट-19 उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण किया है। अंतरिक्ष एजेंसी ने इसी रॉकेट का इस्तेमाल करते हुए क्रू मोड्यूल वायुमंडलीय पुन: प्रवेश परीक्षण (केयर) को सफलतापूर्वक अंजाम दिया था।
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इसरो के प्रमुख के.सिवन के मुताबिक अंतरिक्ष एजेंसी दिसंबर 2021 के लिए निर्धारित अपने मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम ‘गगनयान' के लिए भी जीएसएलवी मार्क-।।। रॉकेट का प्रयोग करेगी।

समय रहते खामी का पता लगाने पर वैज्ञानिकों की हो रही तारीफ
वहीं, चंद्रयान के प्रक्षेपण में सतर्कता बरतने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की तारीफ करते हुए विभिन्न अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने कहा है कि भारत के दूसरे चंद्रमा मिशन चंद्रयान -2 के प्रक्षेपण को समय रहते रद्द करने के लिए अंतरिक्ष एजेंसी की प्रसंशा करनी चाहिए। इसरो ने चंद्रमा मिशन के प्रक्षेपण को नियत समय से लगभग एक घंटा पहले कुछ तकनीकी गड़बड़ी के कारण रद्द कर दिया। इस मिशन चंद्रयान -2 को सोमवार को तड़के प्रक्षेपित किया जाना था। 

 


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Yaspal

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