ऑफ द रिकॉर्डः ग्रेटा के मामले को तूल नहीं देगी सरकार, ‘पोएटिक जस्टिस फाऊंडेशन पर फोकस’

punjabkesari.in Sunday, Feb 21, 2021 - 05:57 AM (IST)

नई दिल्लीः शुरूआती गर्मा-गर्मी के बाद लगता है कि सरकार मामले को ज्यादा तूल नहीं देना चाहती। वह शायद वैश्विक पर्यावरण कार्यकत्र्ता ग्रेटा थनबर्ग के खिलाफ मामला आगे न बढ़ाए।

दिल्ली पुलिस व जांच एजैंसियां भी मानती हैं कि विवादास्पद टूलकिट बनाने के पीछे ग्रेटा सक्रिय रूप से जुड़ी हुई नहीं थी। पुलिस मान रही है कि ग्रेटा ने दिशा रवि के उकसाने पर टूलकिट ट्वीट किया था। दिशा रवि से जुड़ी निकिता जैकब व शांतनु मुलुक की भूमिका को लेकर अभी जांच जारी है। मूल टूलकिट ग्रेटा ने डिलीट कर दी थी और नई टूलकिट दिशा रवि के कहने पर अपलोड की थी। 

दिल्ली पुलिस के सूत्रों के अनुसार अब तक हाथ आए दस्तावेजों की छानबीन में ग्रेटा और खालिस्तानी समर्थक संगठनों में कोई प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष लिंक नहीं मिला है। इस विशेष कारण से दिल्ली पुलिस ने जो एफ.आई.आर. दर्ज की है, उसमें ग्रेटा का नाम नहीं शामिल है बल्कि ‘अज्ञात व्यक्तियों’ के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। ग्रेटा को फिलहाल राहत दे दी गई है। 

पुलिस की जांच खालिस्तान समर्थक पोएटिक जस्टिस फाऊंडेशन (पी.जे.एफ.) पर केंद्रित है। पी.जे.एफ. पर अभी प्रतिबंध नहीं है। पी.जे.एफ. से जुड़े निकिता और शांतनु से पूछताछ के बाद ही अधिक जानकारी मिल पाएगी। वैसे पी.जे.एफ. से दिशा रवि के भी कोई सीधे संबंध अभी तक नहीं पाए गए हैं। पी.जे.एफ. के संबंध प्रतिबंधित संगठन सिख्स फॉर जस्टिस से हो सकते हैं। 

पुलिस इस बारे में भी जांच कर रही है कि क्या यह महज संयोग था कि एक तरफ पी.जे.एफ. ने 26 जनवरी पर एक्शन प्लान वाली टूलकिट को आगे बढ़ाया और दूसरी तरफ सिख्स फॉर जस्टिस के गुरपतवंत सिंह पन्नू ने समानांतर रूप से गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर खालिस्तानी झंडा फहराने वाले किसान आंदोलनकारियों के लिए 2.5 लाख डालर ईनाम की घोषणा की। 


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Content Writer

Pardeep

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