अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा को सरकार तैयार, पर विपक्ष फरार

punjabkesari.in Monday, Mar 19, 2018 - 04:28 PM (IST)

नई दिल्ली: लोकसभा में आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने सहित विभिन्न मुद्दों पर सदस्यों के हंगामे के कारण लगातार 11वें दिन सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित किए जाने की वजह से केंद्र सरकार के खिलाफ वाईएसआर कांग्रेस और तेलुगू देशम पार्टी के अविश्वास प्रस्ताव को आज भी आगे नहीं बढ़ाया जा सका। लोकसभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि सदन में व्यवस्था नहीं होने के कारण अविश्वास प्रस्ताव को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। सदन में मौजूद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तैयार है और सभी दल सहयोग दें।

राजनाथ ने कहा, ‘‘हम नियमों के तहत हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं। आखिर संसद चर्चा के लिए ही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि संसद की कार्यवाही नहीं चल पा रही है। ’मोदी सरकार के चार साल के कार्यकाल में पहली बार है जब विपक्षी दल अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहते हैं। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर राजग से अलग हुई तेदेपा के लोकसभा में 16 सांसद हैं जबकि वाईएसआर कांग्रेस के 9 सांसद हैं।

धरने पर विपक्ष
वाईएसआर कांग्रेस और तेलुगू देशम पार्टी ने पिछले सप्ताह शुक्रवार को केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रयास किया था। तेलुगू देशम पार्टी ने आज भी संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना प्रदर्शन किया। इस धरना प्रदर्शन में तेलुगू देशम पार्टी के साथ कांग्रेस की राज्यसभा सदस्य रेणुका चौधरी भी मौजूद थीं। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं तेदेपा नेता अशोक गजपति राजू ने कहा कि यह आंध्र प्रदेश के लोगों के लिए भावनात्मक एवं अति महत्वपूर्ण विषय है। यह ‘‘तेलुगू गौरव’’ से जुड़ा विषय है और इसमें सभी वर्ग और दल के लोग साथ आ सकते हैं । हमारा संघर्ष जारी रहेगा। रेणुका चौधरी ने कहा कि हमारी पार्टी सत्य के साथ है और हम आंध्रप्रदेश के संबंध में किये गए सभी वादों को पूरा करेंगे।

संसद में भाजपा की स्थिति
वाईएसआर कांग्रेस और तेदेपा लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करना चाहते हैं। दोनों दलों का कहना है कि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राजद, राकांपा, नेशनल कॉन्फ्रेंस, वामदल समेत अन्य पार्टियों ने साथ देने का वादा किया है।  सरकार की सहयोगी शिवसेना के सांसद अरविंद सावंत ने अविश्वास प्रस्ताव पर कहा कि उनकी पार्टी इस पर न तो सरकार का और न ही विपक्ष का साथ देगी।

लोकसभा में फिलहाल 536 सदस्य हैं। इसमें राजग के 328 सदस्य रहे हैं और इसमें से तेदेपा के 16 सांसदों के अलग होने के बाद यह संख्या 312 रह जाएगी। अगर शिवेसना के 18 सदस्य मतदान के दौरान अनुपस्थित रहते हैं, तब भी मोदी सरकार को कोई खतरा नहीं है क्योंकि भाजपा के सदस्यों की संख्या 272 के जादुई आंकड़े से अधिक है। इसके साथ ही उसे लोजपा के 6, रालोसपा के 3, अकाली दल के 4, जद यू के 2 और अपना दल के 2 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है।


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