इन तीन बाहुबलियों की मौत के बाद फरार हैं उनकी पत्नियां, हत्या की साजिश के हैं संगीन आरोप

punjabkesari.in Tuesday, Apr 02, 2024 - 09:12 AM (IST)

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता मुख़्तार अंसारी की मौत के बाद उनकी पत्नी अफशां अंसारी 30 मार्च को हुए अपने पति के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुई। बताया जा रहा है कि अफशां अंसारी उत्तर प्रदेश गैंगस्टर्स और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत दर्ज मामले में वॉन्टेड हैं। एक मीडियश रिपोर्ट के मुताबिक अफशां पर राज्यभर 9 आपराधिक मामले दर्ज हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि वह अपने बाहुबलि पति के संस्कार में शामिल नहीं होने वाली पहली महिला नहीं हैं। इससे पहले यू.पी. के दो बाहुबली नेताओं अतीक अहमद और उनके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की हत्या के बाद उनकी पत्नियां भी उनके अंतिम संस्कार में शामिल नहीं थीं। इन तीनों की पत्नियों की आपराधिक मामलों में पुलिस को तलाश है।

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अतीक पत्नी पर 50 हजार रुपए का इनाम
बीते अप्रैल में अतीक और अशरफ की सरेआम गोली मार कर हत्या कर दी थी, जिसके बाद इनकी पत्नियां पति की अंतिम यात्रा से दूर रहीं। रिपोर्ट में  कहा गया है कि अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन पर 50 हजार रुपए का इनाम है, वहीं अशरफ की पत्नी जैनब फातिमा पर कोई ईनाम नहीं है, हालांकि दोनों को अब तक पुलिस खोज नहीं सकी है। इन तीनों ही महिलाओं पर उन मामलों की साजिश रचने का आरोप है जिनमें उनके पति शामिल थे। शाइस्ता और अफशां पर पुलिस ने तब इनाम घोषित किया जब उन्हें खोजने में वो असफल होती रही।

अंसारी की पत्नी पर मनी लॉन्ड्रिंग का भी है मामला
अफशां अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश गैंगस्टर्स और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत 2021 में मऊ के दक्षा टोला पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। पिछले साल अप्रैल में राज्य पुलिस ने केंद्रीय एजेंसियों सी.बी.आई. और इमिग्रेशन डिपार्टमेंट को पत्र लिखकर अफशां के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने की मांग की थी, पुलिस को शक था कि वो देश से बाहर जा सकती हैं। रिपोर्ट कहती है कि 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ई.डी.) ने अफशां, मुख्तार के बहनोई आतिफ रजा,  अनवर शहजाद और अन्य की एक फर्म, विकास कंस्ट्रक्शन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।

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अतीक और अशरफ की पत्नी पर वकील की हत्या का आरोप
वहीं पुलिस शाइस्ता और जैनब फातिमा को 24 फरवरी 2023 को प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में एक वकील उमेश पाल और उनके दो पुलिस बॉडीगार्ड की हत्या के मामले में खोज रही है। उमेश पाल साल 2005 में बहुजन समाज पार्टी के विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में मुख्य गवाह थे, जिसमें अतीक और अशरफ मुख्य अभियुक्त थे। इस मामले में शुरुआत में शाइस्ता पर 25,000 रुपये का इनाम घोषित किया गया था, लेकिन बाद में पुलिस ने राशि बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी।

पुलिस ने प्रयागराज के चकिया इलाके में स्थित उसके घर को भी गिरा दिया था। पिछले साल पुलिस ने कथित तौर पर अतीक के सहयोगी जफर अहमद के एक घर को ढहा दिया था, माना जा रहा था कि यहां शाइस्ता कथित तौर पर अपना घर गिराए जाने के बाद रह रही थीं। पुलिस ने कोर्ट से इजाजत लेने के बाद पिछले साल दिसंबर में जैनब फातिमा के घर की कुर्की की थी।

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अंसारी का बेटा भी अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचा
गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी के शव को बांदा से एंबुलेंस में लाने के बाद उनके गृह नगर गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद में दफनाया गया है।  उनके बड़े बेटे अब्बास अंसारी जो इस समय कासगंज की जेल में हैं वो भी अपने पिता के अंतिम समय में शामिल नहीं हो पाए थे। उन्होंने इलाबाहाद हाईकोर्ट में पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए अर्जी डाली थी लेकिन इस पर सुनवाई ही नहीं हो सकी।उनके अंतिम संस्कार में उनके बेटे उमर अंसारी, भाई और गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी और परिवार के अन्य सदस्यों के अलावा बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे। इलाके में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी पुलिस तैनाती की गई थी।


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Content Editor

Mahima

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