सरकार ने सिमी पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगाया
punjabkesari.in Friday, Feb 01, 2019 - 09:44 PM (IST)
नई दिल्ली: देश में कई आतंकवादी वारदातों में शामिल स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) को सरकार ने पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है क्योंकि यह लगातार विध्वंसक गतिविधियों में शामिल है। गृह मंत्रालय की एक अधिसूचना के अनुसार, यदि सिमी की गैरकानूनी गतिविधियों पर अंकुश नहीं लगाया गया और इसे तुरंत नियंत्रित नहीं किया गया तो यह अपनी विध्वंसक गतिविधियों को जारी रखेगी, अपने फरार कार्यकर्ताओं को फिर से संगठित करेगी तथा देश विरोधी भावनाओं को भड़का कर धर्मनिरपेक्ष ढांचे को बाधित करेगी।
अधिसूचना में कहा गया है,अब, इसलिए, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 3 की उप-धारायें (1) और (3) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल कर केंद्र सरकार ने सिमी को‘गैर-कानूनी संगठन’घोषित किया है और यह अधिसूचना उपरोक्त अधिनियम की धारा 4 के तहत किए जा सकने वाले किसी भी आदेश के अधीन है, जिसका प्रभाव पांच साल की अवधि के लिए होता है।’गृह मंत्रालय ने 58 ऐसे मामलों को सूचीबद्ध किया जिसमें सिमी के सदस्य कथित रूप से शामिल थे। मंत्रालय ने कहा कि संगठन सांप्रदायिक वैमनस्य, देश की अखंडता और सुरक्षा के लिए पूर्वाग्रही गतिविधियों का निर्माण करके लोगों के दिमाग को प्रदूषित कर रहा है।
इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार यह भी माननी है कि सिमी की गतिविधियों के देखते हुए इसे तत्काल प्रभाव से गैरकानूनी संगठन घोषित करना आवश्यक है। बयान में कहा गया है कि यह आदेश गुरुवार से लागू हो गया है। जिन आतंकवादी गतिविधियों में सिमी के सदस्य कथित रूप से शामिल रहे हैं उनमें बिहार के गया में 2017 में हुआ विस्फोट, 2014 में बैंगलोर के चिन्नास्वामी स्टेडियम में और 2014 में ही भोपाल में जेल ब्रेक शामिल हैं। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु, तेलंगाना और केरल की पुलिस ने सिमी के शीर्ष नेताओं सफदर नागोरी, अबू फैसल, सहित अन्य के खिलाफ दोषसिद्धि का विवरण प्रदान किया है। जांचकर्ताओं के मुताबिक, फैसल ने 2013 के खंडवा जेल ब्रेक की घटना में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी।
अधिकारियों ने बताया कि इस समूह के सदस्य कथित तौर पर बैंक लूट, पुलिसकर्मियों की हत्या, विस्फोट सहित अन्य मामलों में शामिल रहे हैं। सिमी की स्थापना 25 अप्रैल 1977 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुई थी और यह संगठन कथित रूप से भारत को इस्लामिक राज्य में परिर्वितत करके भारत को आकाद कराने के एजेंडे पर काम करता है। इसे पहली बार 2001 में एक गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया था और तब से इसे कई बार प्रतिबंधित किया गया है। पिछली बार एक फरवरी 2014 को यूपीए सरकार ने इस पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगाया था। प्रतिबंध की पुष्टि 30 जुलाई 2014 को एक न्यायाधिकरण ने की थी।