Gold Rate on Dhanteras: धनतेरस पर कितना महंगा होगा सोना, सामने आई बड़ी रिपोर्ट
punjabkesari.in Wednesday, Sep 17, 2025 - 10:08 AM (IST)

नेशनल डेस्क: सितंबर के पहले हफ्तों में सोने और चांदी दोनों ने ऐसा तगड़ा प्रदर्शन किया है कि पिछले महीनों में ऐसी तेजी शायद ही कहीं देखी गई हो। दिल्ली के सर्राफा बाजार से लेकर वायदा व्यापार तक, सोने की कीमतों में करीब 11% की बढ़त दर्ज की गई है, वहीं चांदी ने लगभग 12% की तेजी दिखाई है। इस रफ्तार को देखते हुए विश्लेषकों का मानना है कि धनतेरस और दिवाली तक ये दोनों कीमती धातुएँ और ऊंचे स्तरों को छू सकती हैं।
वर्तमान स्तर और रिकॉर्ड कीमतें
-
सोने की कीमत इस समय दिल्ली में ₹1,15,100 प्रति 10 ग्राम के नए उच्चस्तर पर पहुंच गई है, जिसमें 99.5% शुद्धता वाला सोना भी इसी रेंज में कारोबार कर रहा है।
-
चांदी की बात करें तो वह ₹1,32,870 प्रति किलोग्राम के नए रिकॉर्ड पर पहुँच चुकी है।
कमजोर डॉलर, ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और त्योहारों का बढ़ता जनमानस—इन सभी कारकों ने मिलकर धातुओं की ये सवारी तय की है।
पहले हाफ का आंकड़ा
-
अगस्त के अंतिम कारोबारी दिन सोने की कीमत दिल्ली में लगभग ₹1,03,670 प्रति 10 ग्राम थी। 16 सितंबर तक लगभग ₹11,430 का इजाफा हुआ है, जो 11.02% की बढ़त है।
-
चांदी की कीमत अगस्त के अंत में ₹1,19,000 प्रति किलोग्राम के आसपास थी, अब यह ₹1,32,870 हो गई है — लगभग ₹13,870 की बढ़त और 11.65% का उछाल।
धनतेरस तक क्या हो सकता है?
विश्लेषकों का अनुमान है कि इस रफ्तार से यदि वृद्धि जारी रही, तो:
-
सोने की कीमत ₹1,25,000 प्रति 10 ग्राम के बेंचमार्क तक पहुँच सकती है। इस स्तर पर पहुँचने के लिए अभी ₹10,000 और बढ़ना होगा, यानी लगभग 8.6% और तेजी चाहिए।
-
चांदी के लिए लक्ष्य ₹1,50,000 प्रति किलोग्राम है, जिसके लिए अभी ₹17,130 का इजाफा होना बाकी है — यदि चांदी ने 13% की उछाल दिखाई, तो यह लक्ष्य संभव है।
वायदा बाजार और बढ़ती उम्मीदें
वायदा बाजार (MCX और अन्य) में भी सोना और चांदी ने शानदार प्रदर्शन दिखाया है, हालांकि स्पॉट मार्केट जैसी उछाल नहीं हुई।
-
सोने के वायदा दामों में इस महीने लगभग 6% तक की बढ़त हुई है।
-
चांदी के वायदे दामों में भी समान रूप से तेजी दिखी है, लेकिन वो स्पॉट मार्केट जितनी प्रचंड नहीं रही।
किन कारणों से हो रही ये तेजी?
-
डॉलर कमजोर हुआ है, जिससे सोने और चांदी जैसी कीमती धातुओं की मांग बढ़ रही है।
-
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में कटौती की संभावनाएं बढ़ी हैं, जिससे निवेशकों का रुझान सुरक्षित और स्थिर निवेश विकल्पों की ओर जा रहा है।
-
त्योहारों का सीजन होने वाला है - नवरात्रि, धनतेरस और दिवाली - जब पारंपरिक मांग तेजी से बढ़ती है।
-
दुनिया भर के सेंट्रल बैंक भी सोने की खरीद में सक्रिय हो रहे हैं, जो सप्लाई की कमी और मांग में वृद्धि का संकेत है।
क्या जोखिम भी हैं?
हां, कुछ चुनौतियाँ और जोखिम इस तेजी के बीच मौजूद हैं:
-
जब कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचती हैं, तो मुनाफावसूली की प्रवृत्ति तेज हो जाती है और कुछ निवेशक अपने हिस्से बेचने लगते हैं। इससे कीमतों में अस्थिरता पैदा हो सकती है।
-
यदि वैश्विक आर्थिक या राजनीतिक स्थिति अचानक बदल जाए, ब्याज दरों में फिर वृद्धि हो जाए या डॉलर फिर से मजबूत हो जाए, तो यह तेजी रुक सकती है।