Gold Rate: सोने की कीमतों में भारी बढ़ोतरी, सितंबर में 14 साल की सबसे तेज़ बढ़त, जानिए क्या है वजह
punjabkesari.in Tuesday, Sep 30, 2025 - 06:57 PM (IST)

नेशनल डेस्क: सोने की चमक दिनों-दिन तेज होती जा रही है। मंगलवार को सोने के दाम एक बार फिर नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए। पिछले 14 वर्षों में सितंबर महीने में सोने की कीमतों में यह सबसे ज्यादा तेजी देखी गई है। इस तेजी के पीछे अमेरिकी सरकार के संभावित शटडाउन और अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद प्रमुख कारण माने जा रहे हैं। इससे सुरक्षित निवेश के तौर पर सोने की मांग में इजाफा हुआ है।
पहली बार सोने की कीमतों में इतनी तेज़ी
स्पॉट गोल्ड की कीमत 0.2 प्रतिशत की बढ़त के साथ 3842.76 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई है। सितंबर महीने में भारत में इंडियन बुलियन के दाम 11.4 प्रतिशत बढ़े हैं। यह सितंबर 2011 के बाद पहली बार है जब सोने की कीमतों में इतनी तेज़ी देखी गई है।
ब्याज दरों में कटौती की संभावना
हाल में आए आर्थिक आंकड़ों के बाद अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा इस साल के अंत तक ब्याज दरों में कटौती की संभावना बढ़ गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि फेड की अगली बैठक में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की जा सकती है। सेंट लुइस फेडरल रिजर्व के प्रेसिडेंट एल्बर्टो मुसालेम ने कहा कि वे ब्याज दरों में कटौती के लिए तैयार हैं, लेकिन मुद्रास्फीति को ध्यान में रखते हुए सतर्क रहना होगा।
सोने की कीमतों में वृद्धि के पीछे कारण
सोने और चांदी की कीमतों में आई तेजी के पीछे कई कारण हैं। सबसे बड़ा कारण वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव और अंतरराष्ट्रीय बाजार की अनिश्चित स्थिति है। इसके अलावा भारत में त्योहारी सीजन की वजह से सोने की मांग बढ़ी है। अमेरिका-चीन के बीच बढ़े टैरिफ और रुपये की गिरावट ने भी सोने की कीमतों और मांग को प्रभावित किया है। जब शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव होता है, तो निवेशक सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की ओर आकर्षित होते हैं। राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितता के समय सोना निवेश का सबसे भरोसेमंद विकल्प माना जाता है क्योंकि यह महंगाई के दौर में सबसे बेहतर रिटर्न देता है।
दुनिया के सबसे बड़े एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) एसपीडीआर ने बताया कि उसने सोमवार को अपने सोने के भंडार को 0.60 प्रतिशत बढ़ाकर 1,011.73 मीट्रिक टन कर दिया है, जो शुक्रवार को 1,005.72 मीट्रिक टन था।