Gold Price 2026: अभी सोना खरीदने का सुनरहा मौका, साल 2026 में 10 Gram Gold ₹1.57 लाख तय! बैंक ऑफ अमेरिका का बड़ा अनुमान

punjabkesari.in Tuesday, Nov 25, 2025 - 07:52 PM (IST)

नई दिल्ली: कुछ दिनों की ठंडक के बाद भी सोना अभी भी महँगे स्तरों पर टिका हुआ है और घरेलू बाजार में कीमतें सवा लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के पास कारोबार कर रही हैं। ऐसे माहौल में सोने को लेकर एक और बड़ा अनुमान सामने आया है, जिसने निवेशकों की उत्सुकता बढ़ा दी है। बैंक ऑफ अमेरिका (BoA) ने दावा किया है कि 2026 में सोना औसतन 4,538 डॉलर प्रति औंस तक जा सकता है, और यदि बाज़ार की परिस्थितियां अनुकूल रहीं तो कीमत 5,000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती है। भारतीय मूल्य में देखें तो यह लगभग ₹1.57 लाख प्रति 10 ग्राम के बराबर बैठता है—यानी अभी से भी बड़ा उछाल संभव।

वर्तमान में वैश्विक स्पॉट मार्केट में सोने का भाव करीब 4,175 डॉलर/औंस पर है।

भारत में अभी कितना है सोना?
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार—
24 कैरेट गोल्ड (10 ग्राम): ₹1,25,342

बैंक ऑफ अमेरिका का कहना है कि सोना अभी भी "ओवर-बॉट" और "अंडर-इन्वेस्टेड" जैसी दो विपरीत स्थितियों में फंसा है, जिससे आने वाले समय में तेजी की नई गुंजाइश बनती है।

आख़िर क्या वजहें हैं जो सोने को इतनी ऊंचाई तक ले जा सकती हैं?
बैंक ऑफ अमेरिका ने कई प्रमुख कारण बताए हैं, जो सोने के भाव को नई छलांग दिला सकते हैं—

1. बढ़ता सरकारी कर्ज (High Government Debt)
अमेरिका सहित कई देशों में सरकारी ऋण का स्तर रिकॉर्ड पर है, जिससे गोल्ड जैसी सुरक्षित एसेट्स में भरोसा और बढ़ता है।

2. लगातार बनी महंगाई (Sticky Inflation)
मुद्रास्फीति कम होने का नाम नहीं ले रही, ऐसे में सोना एक प्राकृतिक "इन्फ्लेशन हेज" साबित होता है।

3. ब्याज दरों में कमी (Lower Fed Rates)
जैसे ही फेड दरें घटती हैं, बिना यील्ड वाली गोल्ड एसेट्स की अपील बढ़ जाती है।

4. भू-राजनीतिक अनिश्चितताएँ एवं नयी आर्थिक नीतियाँ
अमेरिका की असामान्य आर्थिक नीतियाँ और वैश्विक तनाव गोल्ड को फिर मजबूत बना रहे हैं।

5. सप्लाई चेन दबाव + कम वैश्विक भंडार
खनन में बाधाएं और सीमित गोल्ड रिज़र्व कीमतों को ऊपर धकेलते हैं।

फेड की संभावित रेट कटौती बनी सोने के लिए बड़ा ट्रिगर
न्यूयॉर्क फेड के प्रमुख जॉन विलियम्स के बयान के बाद, बाज़ार में दिसंबर में ब्याज दरें घटाए जाने की उम्मीद और बढ़ गई है। CME FedWatch के मुताबिक— दिसंबर में दर कटौती की संभवना अब 81% तक पहुँच गई है—एक हफ्ते पहले यह सिर्फ 40% थी। चूंकि सोने पर ब्याज नहीं मिलता, इसलिए जैसे-जैसे ब्याज दरें घटती हैं, सोने की मांग बढ़ जाती है।
सोना क्यों नहीं रुक रहा?
-सुरक्षित निवेश की मांग बढ़ी
-दुनिया भर में आर्थिक अनिश्चितता
-डॉलर पर दबाव
-केंद्रीय बैंकों द्वारा बड़े पैमाने पर गोल्ड खरीदारी


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Content Editor

Anu Malhotra

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