₹100 करोड़ का ‘लिक्विड गोल्ड’ उड़ा ले गया ट्रक वाला... पुलिस भी रह गई हैरान
punjabkesari.in Thursday, Sep 04, 2025 - 04:08 PM (IST)

नेशनल डेस्क: जब भी कनाडा का नाम आता है, तो हमारे दिमाग में सबसे पहले बर्फ से ढके पहाड़, सुंदर झीलें और खास तौर पर - मेपल सिरप की मिठास याद आती है। ये वही सिरप है जिसे वहां ‘तरल सोना’ कहा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक बार इस सिरप की इतनी बड़ी चोरी हुई कि पूरे कनाडा में हड़कंप मच गया?
जब चोरों की नज़र पड़ी 'लिक्विड गोल्ड' पर
साल 2011 और जगह थी क्यूबेक - वो इलाका जो पूरी दुनिया का सबसे बड़ा मेपल सिरप उत्पादक क्षेत्र है। यहां से अकेले ही 70% से ज़्यादा वैश्विक सिरप की सप्लाई होती है। इस व्यापार की निगरानी करता था FPAQ (Federation of Quebec Maple Syrup Producers), जो एक तरह से मेपल सिरप का ‘संगठित बैंक’ था। FPAQ ने अपने कीमती स्टॉक को सेंट-लुई-दे-ब्लैंडफोर्ड नामक गांव में एक गुप्त गोदाम में सुरक्षित रखा था। इसमें हजारों बैरल थे - हर एक में अनमोल मेपल सिरप। लेकिन सुरक्षा व्यवस्था इतनी ढीली थी कि चोरों को जैसे खुला निमंत्रण मिला हो।
चालाकी से रची गई साजिश
इस हाई-प्रोफाइल चोरी का मास्टरमाइंड था रिचर्ड वैलियर्स – एक ट्रक ड्राइवर जो सिरप के कारोबार से अच्छी तरह वाकिफ था। उसे गोदाम की सुरक्षा में कमजोरी दिखाई दी। उसे पता था कि बैरल की जांच साल में सिर्फ एक बार होती है, और बाकी समय कोई नियमित निगरानी नहीं होती।
वैलियर्स ने अपने साथियों के साथ मिलकर एक बेहद शातिर योजना बनाई:-
-असली मेपल सिरप के बैरल से सिरप निकाला जाएगा।
-उन बैरल्स को फिर पानी या सस्ते सिरप से भर दिया जाएगा।
-चोरी किए गए असली सिरप को ट्रकों के ज़रिए देश के दूसरे हिस्सों और अमेरिका तक पहुंचाया जाएगा।
-क्योंकि बैरल दिखने में वही रहते थे, इसलिए लंबे समय तक किसी को शक नहीं हुआ। महीनों तक सिरप चुपचाप गायब होता रहा।
भांडा फूटा... और खुल गई सारी पोल
2012 में जब FPAQ ने रूटीन जांच की, तो एक बैरल को हिलाने पर अजीब आवाज़ आई। जांच गहराई से हुई, तो सामने आया कि दर्जनों बैरल में सिरप की जगह पानी भरा हुआ है। जैसे-जैसे तहकीकात आगे बढ़ी, होश उड़ाने वाले आंकड़े सामने आए:
- करीब 9,600 बैरल मेपल सिरप चोरी हो चुका था।
-जिसकी बाज़ार कीमत थी – 18.7 मिलियन कैनेडियन डॉलर, यानी करीब 100 करोड़ रुपये।
जांच और गिरफ्तारी – कैसे पकड़े गए चोर
FPAQ ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। जांच एजेंसियों ने ट्रक मूवमेंट, गोदाम लॉगबुक, और मुखबिरों की मदद से धीरे-धीरे साजिशकर्ताओं की पहचान की। मुख्य आरोपी रिचर्ड वैलियर्स के साथ-साथ उसकी पत्नी और कई सहयोगी भी पकड़े गए। चोरी का सिरप क्यूबेक से लेकर न्यू ब्रंसविक और अमेरिका तक भेजा गया था। 2017 में अदालत ने रिचर्ड वैलियर्स को दोषी करार दिया और उसे 7 साल की जेल, 9.4 मिलियन डॉलर का जुर्माना, और सिरप की भरपाई न करने पर अतिरिक्त 6 साल की सजा की चेतावनी दी।
चोरी के बाद का असर – कीमतें बढ़ीं, सुरक्षा कड़ी हुई
इस घटना ने कनाडा के मेपल सिरप उद्योग को झकझोर कर रख दिया। न सिर्फ FPAQ ने अपने भंडारण की सुरक्षा को हाईटेक बनाया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में सिरप की कीमतें भी बढ़ गईं। इस केस की गूंज इतनी बड़ी थी कि इस पर किताबें लिखी गईं, और नेटफ्लिक्स ने अपनी पॉपुलर डॉक्यूमेंट्री सीरीज़ Dirty Money में इसे एक पूरे एपिसोड के रूप में दिखाया।