पुतिन से मुलाकात के बाद किम जोंग का जूठा गिलास ले गए बॉडीगार्ड्स, फिंगरप्रिंट भी मिटाए... VIDEO ने पूरी दुनिया को किया हैरान
punjabkesari.in Thursday, Sep 04, 2025 - 09:57 AM (IST)

बीजिंग: उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बीजिंग में हाल ही में हुई मुलाकात चर्चा का विषय तो बनी ही, लेकिन उसके बाद सामने आए एक वीडियो ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया। इस वीडियो में किम जोंग की टीम बैठक के बाद जिस तरीके से कुर्सी, टेबल, और यहां तक कि गिलास तक को साफ करती नजर आई, उसने सुरक्षा और जासूसी को लेकर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या हुआ बीजिंग में?
किम जोंग उन और पुतिन की मुलाकात बीजिंग की एक हाई-प्रोफाइल विक्ट्री डे परेड के बाद हुई थी। यह किम का कोविड-19 महामारी के बाद पहला चीन दौरा था। पुतिन से बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने दोस्ती की गर्मजोशी दिखाई और उत्तर कोरिया की ओर से रूस को यूक्रेन युद्ध में दिए गए समर्थन पर चर्चा भी हुई। लेकिन जब यह बैठक खत्म हुई, तभी किम के स्टाफ ने बेहद सावधानी से वह गिलास उठाया जिससे उन्होंने पीया था, कुर्सी के हैंडल और बैकरेस्ट को चमकाया गया, टेबल तक को ऐसे साफ किया गया जैसे वहां कोई फॉरेंसिक इन्वेस्टिगेशन हो रही हो।
The staff accompanying the North Korean leader meticulously erased all traces of Kim's presence.
— Russian Market (@runews) September 3, 2025
They took the glass he drank from, wiped down the chair's upholstery, and cleaned the parts of the furniture the Korean leader had touched. pic.twitter.com/JOXVxg04Ym
जैसे क्राइम सीन हो!
वीडियो में एक स्टाफ मेंबर किम की कुर्सी को कपड़े से पोछता नजर आता है, जबकि दूसरा उनका गिलास संभाल कर ट्रे में रख देता है। यह सब इतनी बारीकी से किया गया कि जैसे कोई सबूत मिटा रहा हो। मीडिया रिपोर्ट्स में इसे एक 'फॉरेंसिक क्लीनअप' कहा जा रहा है, यानी किम के डीएनए या बॉयोलॉजिकल ट्रेस (जैसे बाल, त्वचा, थूक आदि) कहीं पीछे न छूट जाएं।
DNA से डर क्यों?
विशेषज्ञों का मानना है कि किसी भी व्यक्ति के डीएनए या बॉडी फ्लूइड्स से उसकी हेल्थ, जेनेटिक स्थिति और यहां तक कि गंभीर बीमारियों के बारे में जानकारी जुटाई जा सकती है। जब बात किसी राष्ट्राध्यक्ष की हो, तो यह डेटा दुश्मन देशों के लिए "सोने की खान" हो सकता है। इसलिए उनके बॉयोलॉजिकल ट्रेसेज़ को मिटा देना या वापस ले जाना एक सुरक्षा रणनीति बन चुकी है।
पुतिन भी पीछे नहीं
किम जोंग उन ही नहीं, बल्कि व्लादिमीर पुतिन भी अपनी सेहत से जुड़ी जानकारी छुपाने को लेकर उतने ही सख्त हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, जब भी पुतिन विदेश यात्रा पर जाते हैं, तो उनके साथ एक 'पूप सूटकेस' (Poo Suitcase) जाता है – जिसमें उनके मल-मूत्र को एकत्र कर सील कर मॉस्को भेजा जाता है।
फ्रांसीसी मैगजीन 'Paris Match' के मुताबिक, 2017 से ही यह प्रोटोकॉल जारी है। इसका मकसद यही है कि कोई विदेशी खुफिया एजेंसी उनके मल या यूरिन से हेल्थ रिपोर्ट न निकाल ले। इससे यह भी साफ होता है कि सिर्फ गुप्त दस्तावेज़ ही नहीं, अब बॉडी फ्लूइड्स भी राष्ट्रीय सुरक्षा का हिस्सा हैं।
सिर्फ सुरक्षा या कुछ और?
कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि किम और पुतिन का यह व्यवहार केवल सेहत की जानकारी छिपाने तक सीमित नहीं है। यह एक कूटनीतिक संकेत भी हो सकता है – यह दिखाने के लिए कि वे किसी पर भरोसा नहीं करते, चाहे वह चीन हो या रूस। इससे यह भी संकेत मिलता है कि भरोसे की जगह सतर्कता ने ले ली है, खासकर तब जब वैश्विक राजनीति में टेंशन बढ़ रही है।
किम की बेटी भी आईं साथ
इस मीटिंग में एक और खास बात थी – किम जोंग उन की बेटी किम जू ऐ पहली बार किसी विदेशी दौरे पर उनके साथ दिखीं। इससे उत्तर कोरिया की अगली पीढ़ी के लीडरशिप को लेकर भी कयास लगाए जा रहे हैं।
बढ़ती दोस्ती या रणनीतिक चाल?
किम और पुतिन की बातचीत में गर्मजोशी जरूर नजर आई – दोनों ने एक-दूसरे के लिए सम्मान जताया और किम ने तो यह तक कहा कि "अगर मैं रूस के लिए कुछ कर सकता हूं, तो यह मेरा फर्ज होगा।" लेकिन जब एक नेता की टीम उसके छूए हर सामान को मिटा दे, तो यह साफ है कि दोस्ती के दिखावे के पीछे रणनीति और शंका दोनों छिपी होती है।