स्टडी में खुलासा: 13 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए बेहद खतरनाक है ये चीज, बढ़ता है डिप्रेशन का खतरा
punjabkesari.in Monday, Jul 21, 2025 - 05:32 PM (IST)

नेशनल डेस्क: 13 वर्ष से कम उम्र में स्मार्टफोन का उपयोग शुरू करने वाले बच्चों में युवावस्था में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं की आशंका अधिक रहती है। सोमवार को प्रकाशित एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में यह चिंताजनक तथ्य सामने आया है। इस अध्ययन में 100,000 से अधिक युवाओं के डेटा का विश्लेषण किया गया।
यह शोध जर्नल ऑफ ह्यूमन डेवलपमेंट एंड कैपेबिलिटीज में प्रकाशित हुआ है, जिसमें पाया गया कि जिन युवाओं को 12 साल या उससे पहले स्मार्टफोन मिला था, उनमें 18 से 24 साल की उम्र में आत्मघाती विचार, भावनात्मक अस्थिरता, आक्रामक व्यवहार और कम आत्म-सम्मान की समस्याएं अधिक देखी गईं।
सोशल मीडिया और साइबरबुलिंग बन रहे मुख्य कारण
स्मार्टफोन के चलते बच्चे जल्दी ही सोशल मीडिया का हिस्सा बन जाते हैं, जिससे साइबरबुलिंग, नींद में बाधा और परिवार से भावनात्मक दूरी जैसे जोखिम बढ़ जाते हैं। अमेरिका स्थित सैपियन लैब्स की संस्थापक वैज्ञानिक डॉ. तारा थियागराजन ने कहा, “हमारे आंकड़े बताते हैं कि कम उम्र में डिजिटल एक्सपोजर युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डालता है।” उन्होंने सरकारों से इस विषय पर तत्काल हस्तक्षेप और नियमन लागू करने की मांग की है।
मानसिक समस्याएं सामान्य जांच में नहीं आतीं
डॉ. थियागराजन के अनुसार, इन किशोरों में डिप्रेशन या एंग्ज़ायटी के पारंपरिक लक्षण नहीं होते, इसलिए यह समस्याएं शुरुआती जांच में पकड़ में नहीं आतीं। शोधकर्ताओं ने शराब और तंबाकू की तरह स्मार्टफोन पर भी उम्र-आधारित प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया है। इसके साथ ही स्कूलों में डिजिटल साक्षरता को अनिवार्य करने और तकनीकी कंपनियों की जवाबदेही तय करने की सिफारिश की गई है।
गर्ल्स में अविश्वास, बॉयज़ में अस्थिरता
इस अध्ययन में “माइंड हेल्थ कोशेंट (MHQ)” नामक टूल का उपयोग किया गया, जो युवाओं के सामाजिक, भावनात्मक, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का आकलन करता है। रिपोर्ट में बताया गया कि लड़कियों में अविश्वास, असुरक्षा और भावनात्मक कमजोरी
लड़कों में चिड़चिड़ापन, आक्रामकता और सामाजिक दूरी ज्यादा पाई गई।
कई देशों में पहले ही लागू हैं नियम
फ्रांस, इटली, नीदरलैंड और न्यूजीलैंड जैसे देशों ने स्कूलों में स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध या सीमित उपयोग के नियम लागू कर दिए हैं। अमेरिका के कई राज्य भी स्कूलों में स्मार्टफोन पर नियंत्रण के लिए कानून बना चुके हैं।