होटल में ब्वाॅयफ्रेंड को सबसे करीबी सहेली के साथ रंगे हाथों पकड़ा, OYO में जाकर गर्लफ्रेंड ने....
punjabkesari.in Monday, Oct 06, 2025 - 11:25 AM (IST)

नेशनल डेस्क: बेंगलुरु के बसवेश्वर नगर में एक दर्दनाक प्रेम त्रिकोण का ऐसा अंत हुआ, जिसने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। प्यार में वफादारी की उम्मीद लेकर सात साल तक एक रिश्ते को निभाने वाली महिला ने जब अपने ही प्रेमी को अपनी सबसे करीबी सहेली के साथ रंगे हाथों पकड़ लिया, तो वह टूट गई - इतना कि उसी होटल में जान देना बेहतर समझा। यह सनसनीखेज घटना बसवेश्वर नगर की केएचबी कॉलोनी स्थित OYO चैंपियन कम्फर्ट लॉज की है, जहां 38 वर्षीय यशोदा ने आत्महत्या कर ली। जानकारी के अनुसार, यशोदा विवाहित थी और दो बच्चों की मां थी, बावजूद इसके वह पास में ही रहने वाले विश्वनाथ नामक एक ऑडिटर के साथ प्रेम संबंध में थी। दोनों का यह रिश्ता करीब सात वर्षों से चला आ रहा था।
रिश्ते में आई दरार की शुरुआत
माना जा रहा है कि कुछ समय पहले यशोदा ने अपनी एक करीबी महिला मित्र से विश्वनाथ का परिचय करवाया था। इसी दौरान विश्वनाथ और यशोदा की सहेली के बीच नज़दीकियां बढ़ने लगीं। यशोदा को शक हुआ, लेकिन उसे यकीन तब हुआ जब उसे जानकारी मिली कि दोनों एक साथ ओयो होटल में रुके हुए हैं।
होटल में हुआ आमना-सामना
सूचना मिलते ही यशोदा उस होटल में पहुंची और प्रेमी को अपनी सहेली के साथ एक कमरे में पकड़ लिया। दोनों को साथ देखकर वह बेहद आहत हो गई। तीनों के बीच तीखी बहस हुई। इस बहस के बाद यशोदा ने उसी होटल में एक कमरा बुक किया और गुस्से व दर्द में अकेले चली गई।
कुछ समय बाद होटल स्टाफ ने कमरे में जाकर देखा तो यशोदा का शव पंखे से लटका हुआ मिला। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।
7 साल की मोहब्बत का कड़वा अंत
यशोदा और विश्वनाथ का रिश्ता एक लंबी अवधि तक चला, लेकिन आखिरकार उस पर विश्वासघात भारी पड़ गया। जिस व्यक्ति को यशोदा ने दिल से चाहा, उसने ही उसके दर्द का कारण बनकर उसकी ज़िंदगी छीन ली। और जिस दोस्त पर भरोसा किया, उसने भी पीठ पीछे ऐसा वार किया जिसकी यशोदा को उम्मीद नहीं थी।
पुलिस कर रही है छानबीन
फिलहाल पुलिस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है। यह देखा जा रहा है कि आत्महत्या के पीछे मानसिक दबाव कितना था और क्या इस त्रिकोणीय संबंध में कोई उकसावे की भूमिका रही।