Aadhaar photocopy ban: OYO वाले रुम बुकिंग के लिए अब नहीं ले सकेंगे Adhar Card की फोटोकॉपी, UIDAI ने किया बड़ा ऐलान!
punjabkesari.in Tuesday, Dec 09, 2025 - 11:17 AM (IST)
नेशनल डेस्क: आधार कार्ड की फोटोकॉपी देने का झंझट जल्द ही खत्म होने वाला है। UIDAI आधार वेरिफिकेशन को मजबूत और पेपरलेस बनाने के लिए एक बड़ा नियम बदलने जा रहा है।
अब नहीं ले सकेंगे आधार कार्ड की फोटोकॉपी
अब तक OYO, होटल चेन और इवेंट ऑर्गेनाइजर जैसी कंपनियां ग्राहकों से उनके आधार कार्ड की फोटोकॉपी लेती थीं और उसे फिजिकल फॉर्म में स्टोर करती थीं। लेकिन UIDAI का नया नियम इसे गैरकानूनी बना देगा। यानी अब ये कंपनियां आधार कार्ड की फोटोकॉपी नहीं ले पाएंगी और न ही उसे अपने पास संभालकर रख सकेंगी। मामले के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि यह नया नियम जल्द ही पब्लिश किया जाएगा। UIDAI का मानना है कि फोटोकॉपी रखने का मौजूदा तरीका आधार एक्ट के खिलाफ है।
वेरिफिकेशन के लिए नई टेक्नोलॉजी
UIDAI के CEO भुवनेश कुमार ने बताया कि अथॉरिटी ने एक नए नियम को मंजूरी दे दी है। इसके तहत जो भी होटल या इवेंट ऑर्गेनाइजर आधार-बेस्ड वेरिफिकेशन कराना चाहते हैं, उनके लिए रजिस्ट्रेशन कराना ज़रूरी होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद इन कंपनियों को एक नई टेक्नोलॉजी मिलेगी। इसके ज़रिए वे अब ग्राहक के आधार कार्ड पर बने QR कोड को स्कैन करके या फिर UIDAI के नए आधार ऐप से कनेक्ट होकर तुरंत व्यक्ति को वेरिफाई कर सकेंगे।
नया ऐप और API एक्सेस
नए नियम को अथॉरिटी ने मंजूरी दे दी है और इसे जल्द ही नोटिफाई किया जाएगा। नया वेरिफिकेशन प्रोसेस इंटरमीडिएट सर्वर डाउनटाइम के कारण होने वाली कई समस्याओं को भी खत्म करेगा। ऑफलाइन वेरिफिकेशन चाहने वाली कंपनियों को API (एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफ़ेस) का एक्सेस मिलेगा, जिससे वे अपने सिस्टम को आधार वेरिफिकेशन के लिए अपडेट कर सकेंगी। UIDAI एक नए ऐप की बीटा-टेस्टिंग कर रहा है। यह ऐप सेंट्रल आधार डेटाबेस सर्वर से कनेक्ट हुए बिना भी ऐप-टू-ऐप वेरिफिकेशन को मुमकिन बनाएगा। इस नए ऐप का इस्तेमाल एयरपोर्ट, दुकानों और ऐसी जगहों पर भी किया जा सकेगा, जहां उम्र के हिसाब से प्रोडक्ट बेचने की जरूरत होती है।
प्राइवेसी और सुरक्षा होगी सुनिश्चित
इस बदलाव से वेरिफिकेशन का तरीका आसान होगा और यह पूरी तरह से पेपरलेस होगा। सबसे बड़ी बात यह है कि इससे यूजर्स की प्राइवेसी बनी रहेगी और उनके आधार डेटा के गलत इस्तेमाल या लीक होने का खतरा खत्म हो जाएगा। यह नई व्यवस्था डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट के अनुरूप आधार ऑथेंटिकेशन सर्विस को बेहतर बनाएगी। रिपोर्ट के अनुसार यह पूरा सिस्टम 18 महीनों में पूरी तरह से चालू होने की उम्मीद है। यह नया ऐप यूजर्स को अपने एड्रेस प्रूफ डॉक्यूमेंट्स को अपडेट करने और परिवार के उन सदस्यों को जोड़ने में भी मदद करेगा जिनके पास मोबाइल फोन नहीं है।

