दिल्ली-NCR को मिलेगा नया हाईटेक टाउनशिप, ये 8 गांवों की जमीन का होगा अधिग्रहण- जानिए पूरी योजना की डिटेल
punjabkesari.in Friday, Sep 05, 2025 - 10:16 AM (IST)

नेशनल डेस्क: दिल्ली-NCR के लाखों लोगों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। गाजियाबाद में एक नई हाईटेक टाउनशिप 'हरनंदीपुरम' की नींव रखने की तैयारी पूरी हो चुकी है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) ने इस महत्वाकांक्षी योजना को मंजूरी दे दी है। यह टाउनशिप न सिर्फ गाजियाबाद, बल्कि दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में रहने वालों को बेहतर आवास और स्मार्ट सुविधाएं देने का काम करेगी।
बोर्ड बैठक में मिली मंजूरी, जमीन अधिग्रहण का रास्ता साफ
हाल ही में मेरठ मंडलायुक्त डॉ. हृषिकेश भास्कर यशोद की अध्यक्षता में हुई GDA की 170वीं बोर्ड बैठक में इस परियोजना को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। सबसे अहम फैसला यह रहा कि अब किसानों की असहमति के बावजूद जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा, ताकि टाउनशिप प्रोजेक्ट को समय पर शुरू किया जा सके।
GDA उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने बताया कि भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को लेकर बनी समिति ने भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 के अनुसार डीएम सर्किल रेट से चार गुना अधिक दर तय की थी। किसानों की सहमति से कुछ ज़मीनों का बैनामा पहले ही हो चुका है, लेकिन धीमी प्रगति को देखते हुए अब सीधे अधिग्रहण की मंजूरी दे दी गई है।
इन गांवों की जमीन होगी अधिग्रहित
नई टाउनशिप के लिए कुल 489.99 हेक्टेयर भूमि को अधिग्रहीत किया जाएगा, जो 8 गांवों में फैली है:
-मथुरापुर
-शमशेर
-चम्पतनगर
-भनेड़ाखुर्द
-नंगला फिरोज मोहनपुर
-भोवापुर
-शाहपुर निज मोरटा
-मोरटा
बैठक में GDA सचिव राजेश कुमार सिंह और मुख्य अभियंता आलोक रंजन समेत अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।
योजना दो चरणों में होगी लागू
हरनंदीपुरम टाउनशिप को दो चरणों में विकसित किया जाएगा:
पहला चरण:
गांव: मथुरापुर, शमशेर, चम्पतनगर, भनेड़ाखुर्द, नंगला फिरोज मोहनपुर
कुल क्षेत्रफल: लगभग 376 हेक्टेयर
दूसरा चरण:
गांव: भोवापुर (53 हेक्टेयर), शाहपुर निज मोरटा (66 हेक्टेयर), मोरटा (5 हेक्टेयर)
कुल क्षेत्रफल: लगभग 124 हेक्टेयर
कुल योजना क्षेत्र: लगभग 501.21 हेक्टेयर
क्या होगी खासियत इस हाईटेक टाउनशिप की?
यह टाउनशिप सिर्फ मकानों का एक समूह नहीं होगी, बल्कि आधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस एक स्मार्ट नगर होगा:
-AI-बेस्ड जल प्रबंधन सिस्टम: पाइपलाइन लीकेज, जल अपव्यय और जल आपूर्ति की निगरानी पूरी तरह से आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के माध्यम से होगी।
-रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम: वर्षा जल संग्रहण की आधुनिक व्यवस्था होगी।
-कंट्रोल रूम से ड्रेनेज और सीवरेज पर निगरानी: रीयल-टाइम मॉनिटरिंग से शहर रहेगा जलजमाव मुक्त।
-ऊर्जा संरक्षण: बिजली की खपत पर नियंत्रण और स्मार्ट मीटरिंग सिस्टम से न्यूनतम खर्च, अधिक सुविधा।