अमेरिका-चीन सहित कई देशों ने मनाई गांधी जयंती, दुबई में राष्ट्रपिता को अनोखे तरीके से किया गया याद

punjabkesari.in Sunday, Oct 03, 2021 - 11:30 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः  महात्मा गांधी  की 152वीं जयंती देश में ही नहीं बल्कि अमेरिका, चीन व दुबई सहित कई देशों में भी याद किया गया व श्रद्धासुमन भेंट किए गए।  अमेरिका के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि महात्मा गांधी का अहिंसा, सम्मान और सहिष्णुता का संदेश आज जितना मायने रखता है उतना शायद पहले कभी नहीं रहा होगा। वैश्विक शांति के दूत महात्मा गांधी को उनकी जयंती के मौके पर अमेरिका के विभिन्न हिस्सों में श्रद्धांजलि दी गई।

 

US विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने दी श्रद्धाजंलि
अमेरिका के विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने शनिवार को ट्वीट किया, ‘‘हमने भारत और दुनियाभर में अपने मित्रों के साथ मिलकर महात्मा गांधी की 152वीं जयंती मनायी।'' उन्होंने एक सप्ताह पहले व्हाइट हाउस के ओवल कार्यालय में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा की गई टिप्पणियों को याद किया। ब्लिंकन ने ट्वीट किया कि राष्ट्रपति ने कहा था, ‘‘हम सभी को यह याद दिलाने की जरूरत है कि अहिंसा, सम्मान और सहिष्णुता का उनका संदेश जितना आज मायने रखता है उतना शायद पहले कभी नहीं रहा।''

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बापू ने सिखाया विनम्र तरीके से भी हिला सकते हैं दुनियाः राजदूत संधू
अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने अमेरिकी राजधानी में गांधी के स्मारक पर बापू को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘गांधी जी का जीवन और विरासत भारत, अमेरिका और दुनियाभर में पीढ़ियों को प्रभावित और प्रेरित करती रहेगी।'' इस हफ्ते की शुरुआत में प्रतिष्ठित हावर्ड विश्वविद्यालय के छात्रों ने गांधी प्रतिमा पर श्रद्धांजलि दी थी और दूतावास में एक चर्चा में भाग लिया था। हावर्ड विश्वविद्यालय के बंच इंटरनेशनल सेंटर ने कहा, ‘‘उस व्यक्ति को जन्मदिन की बधाई जिन्होंने हमें सिखाया कि विनम्र तरीके से भी आप दुनिया को हिला सकते हैं।''

 

राष्ट्रपिता की सबसे अधिक प्रतिमाएं अमेरिका मेंः रो खन्ना
भारतीय-अमेरिकी कांग्रेस सदस्य रो खन्ना ने कहा, ‘‘हम बड़े और छोटे तरीके ढूंढकर गांधी की बहुलवाद और शांति की सीख को आत्मसात कर उन्हें सम्मान दे सकते हैं।'' महात्मा गांधी ने कभी अमेरिका की यात्रा नहीं की लेकिन संभवत: यह एकमात्र देश है जहां भारत के राष्ट्रपिता की सबसे अधिक प्रतिमाएं हैं। शांति के दूत रहे गांधी की शिक्षाओं और सिद्धांतों का अमेरिका के नागरिक अधिकार आंदोलन पर गहरा असर पड़ा जिसका नेतृत्व मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने किया था। अमेरिका के नेशनल मॉल एंड मेमोरियल सर्विस ने कहा, ‘‘दो अक्टूबर, 1869 में जन्मे मोहनदास गांधी ने अपना अधिकांश जीवन लोगों के सम्मान और समानता के लिए काम करने में समर्पित कर दिया।  

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चीनः गांधी 21वीं सदी में भी प्रासंगिक, उनकी उपलब्धियां अविस्मरणीय
चीन में  चाओयांग सार्वजनिक पार्क में स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर  भारतीय राजदूत विक्रम मिसरी ने  उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। पार्क में 2005 में चीन के प्रख्यात मूर्तिकार व कलाकार युआन शीकुन द्वारा यह प्रतिमा स्थापित की गई थी। गुजरात के पोरबंदर में आज ही के दिन 1869 में महात्मा गांधी का जन्म हुआ था। इस मौके पर दूतावास में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए राजदूत मिसरी ने कहा, “गांधी के अलावा संभवत: और किसी और देश के नेता को पत्थर और धातु की इतनी मूर्तियां बनाकर याद नहीं किया गया होगा।”

 

उन्होंने कहा, “तथ्य यह है कि उनकी स्मृति में यह सम्मान 21वीं सदी में, उनके निधन के 70 सालों से भी ज्यादा का वक्त बीतने के बाद, भी हो रहा है। यह शांति और अहिंसा के बेजोड़ प्रतीक महात्मा की दुनिया में निरंतर प्रासंगिकता व वास्तव में इसे लेकर आकर्षक का प्रमाण है।”मिसरी ने कहा कि गांधी 21वीं सदी में भी प्रासंगिक हैं क्योंकि उनकी उपलब्धियां अविस्मरणीय हैं।

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UAE ने  खास अंदाज में राष्ट्रपिता गांधी को किया याद
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने भी बेहद खास अंदाज में राष्ट्रपिता गांधी की जयंती मनाई । यूएई में रहने वाले भारतीय के लिए यह पल बेहद खास रहा। यूनाईटेड अरब अमीरात में बुर्ज खलीफा के बाहरी हिस्से पर महात्मा गांधी और भारतीय तिरंगा की तस्वीरें बनाई गई। ये तस्वीरें लाइट के जरिए बनाई गई थीं। पूरे बुर्ज खलीफा को तिरंगे की तस्वीर से ढक दिया गया । इसमें गांधी जी की कई तस्वीरें और उनके चरखें को भी प्रदर्शित किया गया। साथ में गांधी जी के प्रार्थना की  धुन भी बजाई गई।  

 

नेपाल में गांधी जयंती पर कला प्रदर्शनी शुरू
महात्मा गांधी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए शनिवार को नेपाल में पांच दिवसीय कला प्रदर्शनी शुरू हुई। काठमांडू में कला परिषद, बाबरमहल में आयोजित प्रदर्शनी में प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा संकलित लगभग दो दर्जन कलाकृतियां प्रदर्शित की गईं। कार्यक्रम में वरिष्ठ कलाकारों रागिनी उपाध्याय, विजया थापा, आई बी मल्ला, सुनीता राणा, उमाशंकर शाह, राजन पंत, महेंद्र राय सहित अन्य ने अपनी कलाकृतियों का प्रदर्शन किया।

 

इस अवसर पर जानेमाने कलाकार उपाध्याय ने कहा, ‘‘वर्तमान दुनिया को गांधी द्वारा दिखाए गए रास्ते पर आगे बढ़ने की जरूरत है क्योंकि हमने दुनिया के लगभग हर हिस्से में हिंसा और आतंक का अनुभव किया है।'' वरिष्ठ कलाकार थापा ने कहा कि गांधी न केवल एक भारतीय नेता थे, बल्कि वह दुनिया के एक महान व्यक्ति थे, जिन्होंने स्वतंत्रता और हाशिए के लोगों के उत्थान के लिए लड़ाई लड़ी। 


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Content Writer

Tanuja

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