दिल्ली की हवा पर गडकरी जताई चिंता, कहा- दिल्ली में तीन दिन रहने से इन्फेक्शन हो सकता है...
punjabkesari.in Tuesday, Apr 15, 2025 - 11:19 AM (IST)

नेशनल डेस्क : केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने दिल्ली की हवा पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि राजधानी में पॉल्यूशन लेवल इतना ज्यादा है कि तीन दिन तक शहर में रहने से इन्फेक्शन हो सकता है। गडकरी ने कहा है कि दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहर अब "रेड जोन" में आ गए हैं, यानी इन शहरों में वायु और जल प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा है। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि अगर हालात ऐसे ही रहे, तो आने वाले समय में लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ेगा।
गडकरी ने यह भी कहा कि हमें आने वाले समय में हवा और पानी के प्रदूषण को कम करने के लिए और ज़्यादा काम करने की ज़रूरत है। उन्होंने साफ किया कि यह सिर्फ सरकार की नहीं, बल्कि हम सबकी जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि "अगर कोई व्यक्ति दिल्ली में तीन दिन भी लगातार रहे, तो उसे किसी न किसी तरह का संक्रमण हो सकता है।" गडकरी ने एक मेडिकल रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि दिल्ली का प्रदूषण लोगों की औसत उम्र को करीब 10 साल तक कम कर सकता है।
दिल्ली सरकार की भूमिका पर क्या कहा गया?
हाल ही में दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने वायु प्रदूषण को लेकर कैग (CAG) की एक रिपोर्ट पेश की। ये रिपोर्ट "वाहनों से होने वाले प्रदूषण" पर केंद्रित थी और इसमें दिल्ली सरकार की व्यवस्था में कई खामियां उजागर हुईं।
रिपोर्ट में क्या-क्या खामियां पाई गईं?
कई कारों और वाहनों के लिए पीयूसी (प्रदूषण जांच) सर्टिफिकेट बिना सही प्रक्रिया के जारी किए गए।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता को मापने वाले सिस्टम पूरी तरह भरोसेमंद नहीं हैं।
प्रदूषण कम करने के लिए बनाई गई योजनाओं को ठीक से लागू नहीं किया गया।
जिन जगहों पर वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन लगाए गए हैं, वे जरूरी मानकों के अनुसार नहीं हैं, जिससे डेटा पर भरोसा नहीं किया जा सकता।
सरकार के पास यह जानकारी नहीं है कि कौन-कौन से इलाके ज्यादा प्रदूषण फैला रहे हैं, क्योंकि इस पर कोई अध्ययन नहीं किया गया।
पेट्रोल पंपों पर हवा में बेंजीन (एक हानिकारक गैस) की मात्रा को मापने या उसे रोकने के लिए जरूरी तकनीकें नहीं लगाई गई हैं।
24 में से 10 निगरानी केंद्रों पर बेंजीन का स्तर तय सीमा से ज्यादा पाया गया।
प्रदूषण का मुख्य कारण: वाहन और खराब निगरानी व्यवस्था
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि दिल्ली में वायु प्रदूषण का एक बड़ा कारण गाड़ियों से निकलने वाला धुआं है। लेकिन जिन मशीनों से इसे मापा जाता है, वे सही जगह नहीं लगीं, जिससे आंकड़ों में गड़बड़ी हो सकती है।