Ration Card: 1.17 करोड़ लोगों का कटेगा राशन कार्ड, सरकार ने शुरू की बड़ी कार्रवाई
punjabkesari.in Wednesday, Aug 20, 2025 - 10:43 AM (IST)

नेशनल डेस्क: देशभर में मुफ्त राशन योजना का लाभ उठाने वालों के लिए एक बड़ा बदलाव सामने आया है। केंद्र सरकार ने अपात्र लाभार्थियों की पहचान कर उन्हें राशन कार्ड सूची से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने पहली बार विभिन्न सरकारी डेटाबेस को मिलाकर एक ऐसी सूची तैयार की है, जिसमें उन लोगों को शामिल किया गया है जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के अंतर्गत मिलने वाले मुफ्त अनाज के हकदार नहीं हैं।
कौन हैं अपात्र?
सरकार द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार, करीब 1.17 करोड़ राशन कार्ड धारकों को अपात्र माना गया है। इनमें से:
94.71 लाख लोग आयकर दाता हैं,
17.51 लाख के पास चार पहिया वाहन है,
और 5.31 लाख कंपनियों में निदेशक के रूप में सूचीबद्ध हैं।
इन आंकड़ों को आयकर विभाग, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के डेटा से मिलाकर तैयार किया गया है।
क्यों हटाए जा रहे हैं कार्ड?
NFSA के नियमों के अनुसार, जिन परिवारों की वार्षिक आय ₹1 लाख से अधिक है, जिनके पास कार या अन्य चार पहिया वाहन हैं, या जो आयकर देते हैं, वे इस योजना के अंतर्गत मुफ्त राशन के पात्र नहीं माने जाते। इसके बावजूद, बड़ी संख्या में ऐसे लोग अब तक इस लाभ का फायदा उठाते रहे हैं।
राज्यों को 30 सितंबर तक की डेडलाइन
केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिए हैं कि वे 30 सितंबर 2025 तक इन अपात्र लाभार्थियों का सत्यापन कर राशन कार्ड को रद्द करें। ‘राइटफुल टारगेटिंग डैशबोर्ड’ नामक पोर्टल पर यह पूरी जानकारी API आधारित प्रणाली के जरिए राज्यों को उपलब्ध कराई जा रही है।
डेटा की सफाई और जरूरतमंदों को मौका
खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने इस पहल को "लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (TPDS) की पारदर्शिता और निष्पक्षता बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम" बताया है। उनका कहना है कि इससे उन लोगों को योजना में शामिल होने का अवसर मिलेगा, जो वास्तव में इसके हकदार हैं लेकिन अब तक सूची से बाहर थे।
अब तक कितने लाभार्थी?
NFSA के तहत वर्तमान में देशभर में 19.17 करोड़ राशन कार्ड सक्रिय हैं, जिनसे करीब 76.10 करोड़ लोग लाभान्वित हो रहे हैं। हालांकि, योजना की अधिकतम सीमा 81.35 करोड़ लोगों के लिए निर्धारित है। यानी अब भी लाखों जरूरतमंद लोगों को जोड़े जाने की संभावना है, जो इस डेटा सफाई के बाद साकार हो सकती है।
पहले भी हो चुकी है छंटनी
यह पहला मौका नहीं है जब फर्जी या अपात्र कार्डों पर कार्रवाई की गई हो। 2021 से 2023 के बीच भी सरकार ने 1.34 करोड़ फर्जी राशन कार्ड रद्द किए थे।