पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को मिलेगा 'भारत रत्न', जानिए कैसा रहा उनका राजनीतिक सफर

punjabkesari.in Friday, Jan 25, 2019 - 10:19 PM (IST)

नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया जाएगा। पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे। वह संप्रग प्रथम और द्वितीय सरकारों में महत्वपूर्ण पदों पर रहे।
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मुखर्जी का जन्म, पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के किरनाहर शहर के एक छोटे से गांव मिराती में एक ब्राह्मण परिवार में 11 दिसंबर, 1935 में हुआ था। उनके पिता कामदा किंकर मुखर्जी क्षेत्र के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे और आजादी की लड़ाई में अपनी सक्रिय भूमिका निभाने के चलते वह 10 वर्षों से ज्यादा समय तक ब्रिटिश जेलों में कैद रहे। तत्कालीन कलकत्ता विश्वविद्यालय से संबंधित सूरी विद्यासागर कॉलेज से स्नातक की परीक्षा पास करने के बाद प्रणब मुखर्जी ने इतिहास और राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर (एम.ए.) तथा कानून की उपाधि (लॉ) की पढ़ाई संपन्न की। मुखर्जी ने लंबे समय तक पहले शिक्षक, एक वकील एवं पत्रकार के तौर पर काम किया। 
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मुखर्जी के राजनीतिक जीवन की शुरुआत वर्ष 1969 में हुई, जब वह पहली बार राज्यसभा के लिए चुने गए। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इनकी योग्यता से प्रभावित होकर मात्र 35 वर्ष की अवस्था में, 1969 में कांग्रेस पार्टी की ओर से राज्य सभा का सदस्य बना दिया। उसके बाद वे, 1975, 1981, 1993 और 1999 में राज्यसभा के लिए फिर से निर्वाचित हुए।
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मुखर्जी पहली बार वह लोकसभा के लिए पश्चिम बंगाल के जंगीपुर निर्वाचन क्षेत्र से 13 मई 2004 को चुने गए थे और इसी क्षेत्र से दोबारा 2009 में भी लोकसभा के लिए चुने गए। वह लंबे समय तक देश के वित्त मंत्री, रक्षा मंत्री, योजना आयोग के उपाध्यक्ष आदि पदों पर रहे। उन्हें जुलाई 2012 में देश का 13वां राष्ट्रपति चुना गया। उनके कार्यकाल के बाद रामनाथ कोविंद 14वें राष्ट्रपति बने। मुखर्जी की पत्नी शुभ्रा मुखर्जी का निधन हो गया है और उनके परिवार में एक पुत्र सांसद अभिजीत मुखर्जी और पुत्री शर्मिष्ठा मुखर्जी हैं जो कांग्रेस पार्टी के सदस्य हैं। 


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Pardeep

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