नहीं रहे इसरो के पूर्व अध्यक्ष यूआर राव, बनाई थी भारत की पहली सेटेलाइट
punjabkesari.in Monday, Jul 24, 2017 - 08:59 AM (IST)
बेंगलुर: जाने-माने अंतरिक्ष वैज्ञानिक एवं भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष उडुपी रामचंद्र राव का उम्र संबंधी बीमारियों के चलते यहां निधन हो गया। वह 85 वर्ष थे। इसरो के जनसंपर्क निदेशक देवीप्रसाद कार्णिक ने राव ने बताया कि राव ने रविवार देर रात करीब तीन बजे अंतिम सांस ली। इसरो के अधिकारियों ने बताया कि वह उम्र संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे और उन्होंने अपने आवास पर आखिरी सांस ली। राव के परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटा और एक बेटी है।
कर्नाटक में उडुपी जिले के अडामारू क्षेत्र में जन्मे राव अभी तक इसरो के सभी अभियानों में किसी न किसी तरह शामिल थे। भारत में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के विकास और प्राकृतिक संसाधनों की रिमोट सेंसिंग एवं संचार में इसके वृहद उपयोग में उनके अतुल्य योगदान के लिए उन्हें पहचाना जाता है। वह अहमदाबाद में भौतिकी अनुसंधान प्रयोगशाला की गवर्निंग काउंसिल के अध्यक्ष और तिरवनंतपुर में भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के कुलाधिपति पद पर अपनी सेवाएं दे रहे थे। राव 1984-1994 तक इसरो के अध्यक्ष रहे। 1976 में ही पद्मभूषण से सम्मानित होने के अलावा पिछले साल उन्हें भारत सरकार ने पद्म विभूषण से नवाजा था।
Saddened by demise of renowned scientist, Professor UR Rao. His remarkable contribution to India's space programme will never be forgotten.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 24, 2017
पीएम ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रोफेसर यूआर राव के निधन पर दुख जताया है। पीएम मोदी ने कहा कि प्रो. यूआर राव के योगदान को देश कभी नहीं भूल पाएगा।