Satpal Sangwan Death: राजनीतिक जगत में शोक की लहर, पूर्व मंत्री का कैंसर से हुआ निधन
punjabkesari.in Monday, Mar 03, 2025 - 12:17 PM (IST)
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नेशनल डेस्क: हरियाणा के पूर्व कैबिनेट मंत्री सतपाल सांगवान का 83 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे लंबे समय से लीवर कैंसर से पीड़ित थे और गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई है। सतपाल सांगवान का स्वास्थ्य पिछले कुछ दिनों से लगातार बिगड़ता जा रहा था। लीवर कैंसर की बीमारी के कारण उन्हें मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां आज सुबह करीब 3 बजे उनका निधन हो गया। उनके बेटे और दादरी से बीजेपी विधायक सुनील सांगवान अंतिम समय तक उनकी सेवा में लगे रहे, लेकिन डॉक्टर्स की तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।
पैतृक गांव में होगा अंतिम संस्कार
पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान का अंतिम संस्कार आज (3 मार्च) दोपहर 2 बजे उनके पैतृक गांव चंदेनी में किया जाएगा। सुबह 9 बजे उनके पार्थिव शरीर को दादरी निवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया, जहां बड़ी संख्या में उनके समर्थक और रिश्तेदार श्रद्धांजलि देने पहुंचे। उनके निधन की खबर सुनते ही पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है।
छह बार लड़ा चुनाव, दो बार बने विधायक
सतपाल सांगवान का राजनीतिक करियर प्रभावशाली रहा। उन्होंने चरखी दादरी विधानसभा क्षेत्र से छह बार चुनाव लड़ा और दो बार विधायक बने। पहली बार 1996 में हरियाणा विकास पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की और दूसरी बार 2009 में हजकां (हरियाणा जनहित कांग्रेस) से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। हजकां का बाद में कांग्रेस में विलय हो गया, जिसके बाद वे भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार में सहकारिता मंत्री बने। सतपाल सांगवान ने अपने राजनीतिक जीवन में कई पार्टियों का दामन थामा। उन्होंने कांग्रेस और जननायक जनता पार्टी (JJP) के टिकट पर भी चुनाव लड़ा। वे जनता के बीच काफी लोकप्रिय नेता थे और क्षेत्र के विकास में उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
समर्थकों और नेताओं में शोक
सतपाल सांगवान के निधन पर उनके समर्थकों और राजनीतिक नेताओं ने गहरा दुख जताया है। वे एक मजबूत और प्रभावशाली नेता थे, जिन्हें उनके बेबाक और निष्पक्ष विचारों के लिए जाना जाता था। पूर्व मुख्यमंत्री बंशीलाल उन्हें ‘बुलडोजर’ कहकर पुकारते थे, जो उनकी कार्यशैली को दर्शाता है।
अपने कार्यकाल के दौरान सतपाल सांगवान ने शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान दिया। वे हमेशा जनता के बीच रहकर उनकी समस्याओं का समाधान निकालने के लिए तत्पर रहते थे। उनके निधन से हरियाणा की राजनीति में एक बड़ी कमी महसूस की जाएगी।