''झूठे हैं पीएम मोदी, जब सीएम थे तब भी नहीं आते थे सदन में''

punjabkesari.in Tuesday, Dec 13, 2016 - 04:22 PM (IST)

गांधीनगर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तथा पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला ने आज कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा को इस बात को जनता के सामने लाना चाहिए कि मोदी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में एक दशक से भी अधिक समय में विधानसभा में कितनी बार विभिन्न मुद्दों पर संबोधन किया है। भाजपा से ही नाता तोड़ कर कांग्रेस में आए वाघेला ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि नोटबंदी के मुद्दे पर लोकसभा में विपक्ष पर उन्हें बोलने से रोकने का झूठा आरोप लगा रहे मोदी ने दरअसल मुख्यमंत्री के तौर पर 2004 से 2014 के बीच केवल श्रद्धांजलि और ऐसे ही कुछ मौकों को छोड़ कर कभी किसी गंभीर जनहित के मुद्दे पर सदन में संबोधन ही नहीं किया।

उन्होंने कहा कि झूठे जुमले गढ़ने में माहिर मोदी की सदन में बोलने में कभी रूचि ही नहीं रही और अब वह विपक्ष पर झूठा आरोप लगा कर लोकतंत्र का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने विमुद्रीकरण अथवा नोटबंदी के मामले की सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश से जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि यह निर्णय लेने से पहले जरूरी उपाय नहीं किए गए और अब आग लगने के बाद कुंआ खोदने का प्रयास भी नहीं हो रहा। वाघेला ने कहा,‘नोटबंदी की घोषणा के बाद 35वें दिन भी बैंकों के सामने लंबी कतारे लगी हुई हैं। 50 दिन की सीमा समाप्त होने में 15 दिन बाकी है पर अब तक नए नोट छापने के लिए कागज आयात करने का काम भी नहीं हुआ।

नोटबंदी के जरिये आतंकवाद, महंगाई और कालाधन पर रोक लगाने का सरकार का मंसूबा पूरा नहीं हुआ है। सरकार को एक जनवरी को इस मुद्दे पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। वाघेला ने कहा कि नोटबंदी के बीच मोदी के आदमियों ने बैंकों के जरिए बडा घालमेल किया है। उन्होंने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि इतनी बड़ी संख्या में 2000 रुपए के नोट बैंकों से बाहर कैसे पहुंचे। एक तरफ जनता को एक एक रुपए के लिए परेशानी हो रही है वहीं भाजपा नेताओं के घर हुई शादियों में नोटों के बंडल कैसे उड़ाए गए।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News