सियासी दलों को मिले विदेशी चंदे की अब नहीं होगी जांच, केंद्र ने लोकसभा में पास कराया अधिनियम

punjabkesari.in Monday, Mar 19, 2018 - 04:32 AM (IST)

नेशनल डेस्कः लोकसभा में राजनीतिक पार्टियों के चंदे से संबंधित विधेयक को बिना बहस के पास कर दिया गया है। इससे निश्चित ही राजनीतिक पार्टियों को लाभ मिलेगा क्योंकि अब पार्टियों के विदेशी चंदे की जांच नहीं होगी। मोदी सरकार द्वारा पारित किया गया विधेयक 1976 से विदेश से मिले चंदे की जांच से छूट देता है।

हंगामे के बीच केंद्र सरकार ने पास कराया विधेयक
बुधवार को विपक्षी दलों के हंगामें के बाबजूद लोकसभा में वित्त विधेयक 2018 को 21 संशोधन के साथ पास करा लिया गया। इन्हीं में से एक विदेशी अंशदान (नियमन) अधिनियम (एफसीआरए)2010 में संशोधन भी शामिल है। यह अधिनियम राजनीतिक दलों को विदेशी कंपनियों द्वारा मिले चंदे पर रोक लगाता है। वहीं निर्वाचन संबंधी नियम निर्धारित करने वाले जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधान भी राजनीतिक दलों को विदेशी चंदा लेने से प्रतिबंधित करते हैं।

बता दें कि इससे पहले भी भारत सरकार ने वित्त विधेयक 2016 के जरिए एफसीआरए में संशोधन कर राजनीतिक दलों के लिए विदेशी चंदा लेने को आसान बनाया था। वहीं अब ताजा संशोधन के बाद पार्टियों को 1976 से मिले विदेशी चंदे की जांच की कोई गुंजाइश नहीं रह जाएगी। लोकसभा की वेबसाइट पर वित्त विधेयक 2018 के सभी पारित संशोधनों का ब्यौरा दिया गया है। एफसीआरए से संबंधित संशोधन ब्यौरे में कहा गया है कि वित्त अधिनियम 2016, धारा 236 के पहले पैराग्राफ में २६ सितंबर 2010 के स्थान पर 5 अगस्त 1976 को शामिल किया जाएगा। इस संशोधन से पहले राजनीतिक दलों के 26 सितंबर 2010 के पहले मिले विदेशी चंदे की जांच हो सकती थी। वहीं अधिनियम के पारित होने जाने के बाद अब इसकी संभावना भी खत्म हो गई है।

हाईकोर्ट ने बीजेपी और कांग्रेस को माना था दोषी
इस अधिनियम के पास होने से भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों को राहत मिलनी तय है। दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट ने दोनों ही पार्टियों को विदेशी चंदे से संबंधित एफसीआरए के प्रावधानों के उल्लंघन का दोषी करार दिया था। हाईकोर्ट के इस आदेश को दोनों ही पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। लेकिन एफसीआरए में ताजा संशोधन के पारित होते ही दोनों दलों ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ शीर्ष न्यायालय में दाखिल अपनी याचिकाओं को वापस ले लिया।


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