Flight Ticket Cancellation Refund: फ्लाइट टिकट कैंसिलेशन नियम में बड़ा बदलाव! आखिरी समय में कैंसिल करने पर अब मिलेगा इतना रिफंड
punjabkesari.in Monday, Nov 24, 2025 - 11:28 AM (IST)
नई दिल्ली: हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए बड़ी राहत मिलने वाली है। भारत सरकार जल्द ही एक नया ‘ट्रैवल इंश्योरेंस’ योजना लॉन्च करने जा रही है, जिसके तहत अगर कोई यात्री आखिरी समय में अपनी फ्लाइट कैंसिल करता है, तो वह अपनी टिकट की कीमत का लगभग 80% तक वापस पा सकेगा। इस योजना के लागू होने में केवल 2-3 महीने का समय बचा है।
वर्तमान नियम क्या हैं?
आज के नियमों के तहत अगर कोई यात्री उड़ान से केवल कुछ घंटे पहले अपनी टिकट कैंसिल करता है, तो उसे ‘नो-शो’ माना जाता है और एयरलाइन आमतौर पर कोई रिफंड नहीं देती। केवल मेडिकल इमरजेंसी या गंभीर परिस्थिति होने पर ही एयरलाइन अपने विवेक से पैसा वापस कर सकती है। फिलहाल यह पूरी तरह से एयरलाइन के निर्णय पर निर्भर है।
सरकार की नई योजना का खास हिस्सा
सूत्रों के अनुसार, एविएशन सेक्रेटरी एयरलाइंस से इस योजना को लागू करने पर बातचीत कर रहे हैं। सबसे बड़ी खासियत यह है कि यात्रियों को इसके लिए कोई अतिरिक्त खर्च नहीं करना पड़ेगा। एयरलाइंस और बीमा कंपनियां मिलकर इसका प्रीमियम वहन करेंगी। फिलहाल अगर कोई यात्री बीमा लेना चाहता है, तो वह इसे ‘ऐड-ऑन’ विकल्प के रूप में खरीदता है, लेकिन नए नियम लागू होने के बाद यह सुविधा सीधे टिकट में शामिल हो सकती है।
बीमा कंपनियों के साथ चर्चा शुरू
एक बड़ी एयरलाइन पहले ही बीमा कंपनियों के साथ बातचीत कर चुकी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हम देख रहे हैं कि क्या सबसे सस्ते टिकटों में भी यह इंश्योरेंस शामिल किया जा सकता है, ताकि यात्रियों को कुछ पैसा वापस मिल सके। इस पर काम चल रहा है और बाकी डिटेल्स जल्द तय होंगी।"
यह बदलाव क्यों जरूरी है?
यात्रियों की सुरक्षा और उनकी वित्तीय चिंता को देखते हुए यह कदम उठाया जा रहा है। एक अधिकारी ने बताया, "अक्सर परिवार में अचानक कोई इमरजेंसी आ जाती है और यात्री यात्रा नहीं कर पाता, लेकिन पैसा वापस नहीं मिलता। यदि हर टिकट पर 50 रुपये का मामूली प्रीमियम जोड़ा जाए, तो फ्लाइट के उड़ने से चार घंटे पहले तक कैंसिलेशन पर 80% तक रिफंड संभव होगा।"
बीमा कंपनियों का गणित
ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसियां पहले से ही टिकट बुकिंग के दौरान बीमा लेने का विकल्प देती हैं। अधिकारी बताते हैं कि बीमा कंपनियों के साथ मिलकर यह देखा जा रहा है कि जोखिम और लाभ का संतुलन कैसे बने। "यदि 200-300 यात्रियों में सिर्फ 2-3 लोग ही किसी कारण से फ्लाइट कैंसिल करते हैं, तो यह गणित कंपनियों के लिए सही बैठता है," अधिकारी ने कहा।
