देश में पहले मंकीपॉक्स मामले की पुष्टि, केंद्र ने राज्यों को किया अलर्ट

punjabkesari.in Thursday, Jul 14, 2022 - 08:12 PM (IST)

नेशनल डेस्कः देश में पहले मंकीपॉक्स मामले की पुष्टि हुई है। यह मामला केरल में सामने आया है। मंकीपॉक्स का मामला सामने आने के बाद केंद्र ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को अलर्ट रहने को कहा है। केरल में विदेश से लौटे एक व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने के बाद उसे एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बृहस्पतिवार को यहां कहा कि मरीज के नमूने एकत्रित किए गए हैं और जांच के लिए राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान भेजे गए हैं। उन्होंने बताया कि जांच के नतीजे मिलने के बाद ही मंकीपॉक्स की पुष्टि की जा सकेगी।

जॉर्ज ने कहा कि इस व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण देखे गए हैं और वह विदेश में इस संक्रमण के एक मरीज के करीबी संपर्क में रहा था। उन्होंने ज्यादा जानकारी नहीं दी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, मंकीपॉक्स पशुओं से मनुष्यों में फैलने वाला एक संक्रामक रोग है और इसके लक्षण चेचक के मरीजों के जैसे होते हैं। 

केंद्र ने राज्यों को किया अलर्ट
दुनियाभर में मंकीपॉक्स के मामले बढ़ने के बीच केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा कि इस संक्रमण के खिलाफ भारत की तैयारियों के तहत देश में प्रवेश के सभी बिंदुओं पर तथा समुदायों में सभी संदिग्ध मामलों की स्क्रीनिंग और जांच कराई जाए। केंद्र ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से मंकीपॉक्स के किसी भी संदिग्ध या पुष्ट मामले के प्रबंधन के लिए पर्याप्त मानव संसाधन सुनिश्चित करने, साजो-सामान संबंधी समर्थन के साथ अस्पतालों को चिह्नित करने को कहा है।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने एक पत्र लिखकर कहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार 50 देशों से उसे मिली जानकारी के अनुसार एक जनवरी से 22 जून तक प्रयोगशालाओं में पुष्ट मंकीपॉक्स के 3,413 मामले सामने आये हैं और एक मरीज की मृत्यु हुई है। उन्होंने कहा कि इनमें से अधिकतर मामले यूरोपीय क्षेत्र और अमेरिका महाद्वीप से आये हैं।

भूषण ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर मंकीपॉक्स रोग का प्रकोप लगातार बढ़ने के मद्देनजर भारत में इस बीमारी के खिलाफ तैयारियों और प्रतिक्रिया के लिए आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्रवाइयों को सक्रिय रूप से मजबूत करने की जरूरत है।'' उन्होंने कहा कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इस विषय पर स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुरूप कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे।


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Content Writer

Yaspal

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